CBI ऑफिसर बनकर युवक को कर रहा था ब्लै*कमेल..डिजिटल अरेस्ट होते-होते बचा युवक

Barbigha:-डिजिटल अरेस्ट को लेकर सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.इसके बावजूद कुछ लोग साइबर अपराधियों की गिरफ्त में फंस ही जाते हैं. इसी तरह का एक मामला मंगलवार को बरबीघा प्रखंड के महमदा गांव से जुड़ा हुआ सामने आया. जहां एक युवक डिजिटल अरेस्ट होते-होते बाल बाल बच गया.पीड़ित युवक रामाश्रय प्रसाद का पुत्र ऋषिकांत कुमार ने बताया कि वह एक डीटीएच मैकेनिक है. मंगलवार को दोपहर उसे एक अनजान नंबर से कॉल आया जो खुद को महाराष्ट्र के

एक पोस्ट ऑफिस का कर्मचारी बता रहा था.कर्मचारी के रूप में बात कर रहे साइबर अपराधी ने उधर से बताया कि ऋषिकांत कुमार के नाम से एक पार्सल चीन जा रहा है.जब ऋषिकांत कुमार ने किसी भी पार्सल को भेजने से इनकार किया तो साइबर अपराधी ने धमकी दिया कि आपका कॉल सीबीआई को ट्रांसफर किया जा रहा है.थोड़ी देर बाद एक वीडियो कॉल आया.वर्दी पहना हुआ एक शख्स खुद को सीबीआई का एक बड़ा अधिकारी बता रहा था.

उधर से बताया गया कि आपका पार्सल में डेढ़ ग्राम ड्रग्स पाया गया है. यही नहीं सबूत के तौर पर पार्सल का फोटो और उससे जुड़े कई कागजात भेजे गए.वीडियो कॉल के दौरान ऋषिकांत कुमार को एक कमरे में बंद होने के लिए कहा गया था ताकि कोई अन्य उसकी बात ना सुन सके.फर्जी सीबीआई अधिकारी के द्वारा काफी धमकाने के बाद भी जब ऋषिकांत कुमार ने बात नहीं मानी तब साइबर अपराधियों के द्वारा उसके व्हाट्सएप पर अरेस्ट करने संबंधी एक अरेस्ट वारंट भी भेजा गया.

इसके बाद ऋषिकांत कुमार काफी डर गया.थोड़ी देर बाद ही उधर से मामले को मैनेज करने के नाम पर मोटी रकम की डिमांड कर दी गई. ऋषिकांत कुमार ने बताया कि मामले से संबंधित बातचीत करने के लिए उसने अपने एक परिचित को फोन लगाया.परिचित के मोबाइल पर ही कॉलर ट्यून के रूप में डिजिटल अरेस्ट से बचने संबंधित सूचना सुनाई देने के बाद वह समझ गया कि उसे साइबर अपराधियो के द्वारा निशाना बनाया जा रहा है.

थोड़ी देर बाद साइबर अपराधियों का पुनः फोन आने पर ऋषिकांत कुमार ने सीधे उनलोगों को गाली गलोज करना शुरू कर दिया. इसके बाद साइबर अपराधियों ने फोन काट दिया और ऋषिकांत कुमार डिजिटल अरेस्ट होते-होते बाल बाल बच गया

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