पटना।। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की राजनीति से जुड़ा एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने लालू यादव के करीबी सुनील सिंह की सदस्यता रद्द किए जाने के बिहार विधान परिषद के फैसले को रद्द कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि वो MLC बने रहेंगे. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये भी कहा कि सुनील सिंह की टिप्पणी अशोभनीय थी, लेकिन उसकी तुलना में सजा बहुत ज्यादा है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनील सिंह की सदस्यता बहाल करने का आदेश दिया और साथ ही विधान परिषद की आचार समिति को नोटिफिकेशन रद्द करने को कहा गया है. SC के फैसले के बाद विधान परिषद ने उपचुनाव की घोषणा करने वाले चुनाव आयोग की अधिसूचना को रद्द कर दिया.
कोर्ट के फैसले के बाद सुनील सिंह ने अपने फेसबुक पर लिखा- ‘सत्यमेव जयते’

क्यों गई थी सदस्यता
पिछले साल बजट सत्र के दौरान 13 फरवरी, 2024 को विधान परिषद के अंदर सुनील कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ ‘पलटू’ शब्द का इस्तेमाल किया था. इसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ था. सुनील सिंह पर विधान परिषद में कहासुनी के दौरान नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी करने के आरोप लगे थे.
विधान परिषद में नीतीश कुमार के खिलाफ बोले गए शब्दों को और अमर्यादित आचरण माना गया और सुनील कुमार सिंह से खेद प्रकट करने को कहा गया था पर सुनील कुमार सिंह ने कोई खेद प्रकट नहीं किया. विधान परिषद की आचार समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह ने जुलाई 2024 को इस मामले में रिपोर्ट सौंपी थी. इसके दूसरे दिन आरजेडी एमएलसी के निलंबन का प्रस्ताव सदन में रखा गया. 26 जुलाई 2024 को विधानपरिषद के सभापति ने सुनील कुमार सिंह की सदस्यता समाप्त कर दी थी.
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