बीआरएन बक्सर । कायस्थ परिवार के द्वारा जिला कार्यालय में डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा की 75 वीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता कायस्थ परिवार के प्रदेश संयोजक अधिवक्ता सुमन कुमार श्रीवास्तव एवम संचालन राजेश कुमार सिन्हा ने की। उक्त कार्यक्रम की शुरुआत मे डॉक्टर सिन्हा के तैलचित्र पर माल्यार्पण करने के पश्चात दीप प्रज्वलित किया गया। उपस्थित वक्ताओं ने डाॅ सिन्हा के जीवन पर प्रकाश डाला ।प्रदेश संयोजक सुमन श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि डॉक्टर सच्चिदानंद सिंन्हा का जन्म बिहार के बक्सर जिले के मुरार गांव में हुआ था और उनकी शिक्षा दीक्षा पटना और कोलकाता के सिटी कॉलेज में हुई थी। उसके बाद उन्होंने लंदन में कानून की पढ़ाई भी की और बैरिस्टर भी बने तथा कलकत्ता पटना इलाहाबाद के हाईकोर्ट में उन्होंने वकालत भी किया एवं प्रख्यात अधिवक्ता के साथ-साथ सांसद और पत्रकार भी थे। वह पटना विश्वविद्यालय के उप कुलपति भी रहे । इसके बाद 1924 में पटना में अपनी पत्नी राधिका सिन्हा की स्मृति में सिन्हा लाइब्रेरी के स्थापना की। डॉक्टर साहब ने बिहार को अलग राज्य बनाने का आंदोलन शुरू किया, जो 1912 में बिहार एवं उड़ीसा प्रांत के गठन के साथ सफल हुआ । उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा की सिन्हा साहब 1910 से 1920 तक इंपीरियल लेजिस्लेटिव कॉउंसिल और इंडियन लेजिस्लेटिव असेंबली के सदस्य भी रहे । वह 1921 में इरके उपाध्यक्ष भी बने । बाद में चलकर वह बिहार विधानसभा के सदस्य बने। उनको 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा का अंतरिम अध्यक्ष भी बनाया गया । उसके बाद भी उनको देशरत्न के उपाधि से नवाजा नहीं जाता है तो उनके साथ नाइन्साफी होगी । उन्होंने कहा कि यदि कायस्थ परिवार मे जन्मे सिन्हा साहब को भारत रत्न दिया जायेगा तो पूरे बिहार ही नही अपितु देश के लिए गर्व का विषय होगा। कायस्थ परिवार उनके पुण्यतिथी भारत रत्न देने की मांग सरकार से करता है। इस मौके पर मदन मोहन श्रीवास्तव, वैदेही श्रीवास्तव, सौरभ सिन्हा ,सुनील लाल, मनोज सिन्हा ,राहुल सिन्हा, प्रकाश सिन्हा, बिजेन्द्र नारायण चौबे, अजय तिवारी, सुरेन्द्र यादव ,गोपाल चौधरी, प्रणेश, सुशील कुमार पाठक, लव केश मिश्रा , राजू कुमार, मो अजहर, वेद प्रकाश एवम अन्य समाज सेवी उपस्थित रहे।
पुण्यतिथी पर डॉ सच्चिदानन्द सिन्हा को भारत रत्न देने की उठी मांग
