न्यूज़ विज़न। बक्सर
बीपीएससी द्वारा आयोजित विद्यालय अध्यापक प्रतियोगिता परीक्षा के तीसरे तीसरे चरण में उत्तीर्ण एवं सफलतापूर्वक काउंसिलिंग करा चुके कुल 51 हजार 389 अभ्यर्थियों को रविवार के दिन औपबंधिक नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम राज्य के सभी जिलों में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा 9 मार्च को 11 बजे गांधी मैदान पटना से नियुक्ति पत्र वितरित किया गया।
मुख्यमंत्री द्वारा पटना गाँधी मैदान में वितरण के साथ जिला अंतर्गत चयनित विद्यालय अध्यापकों को नगर भवन में डीएम अंशुल अग्रवाल द्वारा औपबंधिक नियुक्ति पत्र वितरण किया गया। इस दौरान जिले में कुल 772 अभ्यर्थियों को औपबंधिक नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया जिसमें वर्ग 1-5 में कुल 286, वर्ग 6-8 में कुल 181, वर्ग 9-10 में कुल 206 एवं वर्ग 11-12 में कुल 99 अभ्यर्थियों को आज नियुक्ति पत्र वितरित किया गया।
जिलाधिकारी ने चयनित सभी शिक्षकों को दी शुभकामनाएं एवं बधाइयाँ
डीएम ने अपने संबोधन में कहा कि माननीय मुख्यमंत्री बिहार द्वारा राज्य के बच्चों को निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से रिकॉर्ड समय में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। विद्यालय अध्यापक प्रतियोगिता परीक्षा प्रथम चरण में 01 लाख 20 हजार 336 शिक्षकों की बहाली संपन्न हुई जिसमें बक्सर जिले के कुल 1765 शिक्षकों को योगदान कराया जा चुका है। द्वितीय चरण में 96 हजार 823 शिक्षकों की बहाली संपन्न हुई जिसमें बक्सर जिले के कुल 1106 शिक्षक अभ्यर्थियों को विद्यालयों में योगदान कराया जा चुका है जो राज्य के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु कई प्रयास किया जा रहे हैं। कुल चयनित प्रारंभिक शिक्षकों में 56% महिलाएं हैं। कुल चयनित माध्यमिक/उच्च माध्यमिक शिक्षकों में 40% महिलाएं हैं।
इसके साथ साथ बिहार में छात्र शिक्षक अनुपात सुधार कर 32:1 के अनुपात पर पहुंचा
बिहार सरकार द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में प्रभावी कदम लिए जा रहे हैं। विभिन्न सरकारी संस्थाओं एवं कार्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कार्यरत अभ्यर्थियों तथा कॉन्वेंट विद्यालय केंद्रीय विद्यालयों के अध्यापकों की भी परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत नियुक्ति हुई है। चयनित शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि एक शिक्षक सिर्फ पाठ्यक्रम नहीं पढ़ाता, बल्कि वह छात्रों में जीवन मूल्य, चरित्र निर्माण, और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना भी विकसित करता है। हमारे बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए हमें अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाना होगा। यह नियुक्ति पत्र न केवल एक दस्तावेज है, बल्कि एक दायित्व है। यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि आप अब शिक्षा के क्षेत्र में एक सक्रिय भूमिका निभाने जा रहे हैं। आप सभी का यह कर्तव्य होगा कि आप अपने ज्ञान, मेहनत और समर्पण से बच्चों को शिक्षा प्रदान करें और उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें। पूरे मनोयोग से बच्चों के भविष्य को सुधारने हेतु प्रयास करें।