बगैर शिक्षा भगत सिंह के विचार आत्मसात करना असंभव : राजेश शर्मा 

न्यूज़ विज़न।  बक्सर 

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत वामदलों के तत्त्वाधान में शहीद ए आजम भगत सिंह शहीद राजगुरु और शहीद सुखदेव की 94 वें शहादत दिवस का आयोजन नगर के शहीद भगत सिंह पार्क मे सुबह 9 बजे से आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता सीपीआई के पूर्व सांसद कामरेड तेज नारायण सिंह   ने किया तथा मंच संचालन का कार्य सीपीएम के जिला सचिव कामरेड रूप नारायण कुशवाहा ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर सभी साथियों ने शहीद ए आजम भगत सिंह की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित कर इंकलाब जिंदाबाद, साम्राज्यवाद मुर्दाबाद, पूंजीवाद मुर्दाबाद, गगनचुंबी नारा लगाकर उन्हें याद किया। पुष्पांजलि के पश्चात एक आमसभा का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता  सीपीएम के जिला सचिव कामरेड रूप नारायण कुशवाहा, कांग्रेस नेता डॉक्टर सत्येंद्र कुमार ओझा एवं कॉमरेड सलाउद्दीन अंसारी ने संयुक्त रूप से किया।

 

 

शिक्षक नेता राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि बिना पढ़े लिखे स्वस्थ समाज की स्थापना नामुमकिन है भगत सिंह के विचार को जानने समझने और आत्मसात करने के लिए पढ़ना लिखना बहुत ही जरूरी है। बक्सर सहित समाज के सभी लोगों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि अधिक से अधिक लोग अपने बच्चों का नामांकन बिहार के सरकारी विद्यालयों में कराए ताकि उनका भविष्य मजबूत एवं सुरक्षित हो सके। आज बिहार के सरकारी विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण क्रांतिकारी सुधार हुआ है। सरकार की इस व्यवस्था का लाभ समाज के दबे कुछ ले सहित सभी वर्गों के लोगों को उठाना चाहिए। अपने अपने बच्चों का युद्ध स्तर पर नामांकन बिहार के सरकारी विद्यालयों को देखकर बिहार के सरकारी शिक्षकों के मार्गदर्शन एवं उनके अनुभव का लाभ उठा सकते हैं यही भगत सिंह सुखदेव एवं राजगुरु की सच्ची एवं निष्ठा पूर्ण श्रद्धांजलि होगी।

 

 

सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा की धर्म जाति लिंग से ऊपर उठकर समाज को प्रगतिशील बनाया जा सकता है और दुनिया में शांति के पक्ष में बेहतरीन काम किए जा सकते हैं । भगत सिंह के विचार हमें यही सिखाते है। साथ ही यह भी कहा कि आज जिस तरह देश में महंगाई बेरोजगारी गरीबी एवं भेदभाव का माहौल बना हुआ है। उसके खिलाफ सड़क पर उतर कर सरकार के जनविरोधी नीतियों का विरोध देशवासी कर कर रहे है वैसे ही शहीद भगत सिंह राजगुरु सुखदेव भी ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध  की आज़ादी की बात करते थे।

 

 

मौके पर निहाल खान, रमेश कुमार राम, धीरेन्द्र कुमार चौधरी,  परमहंस, रामनाथ सिंह, अरुण कुमार ओझा, सलाउद्दीन अंसारी, ज्योतिश्वर सिंह, शिव शंकर सिंह चंद्रवंशी, राज रोशन यादव, मनोज कुमार केसरी, लकी जायसवाल, दीपक कुमार, रमेश राम, वंश नारायण सिंह, नागेंद्र सिंह, समाजसेवी पूर्व मुखिया प्रमोद सिंह, दीपक सिंह, विकास सिंह, अजीत पाण्डेय, सोनू खरवार,  चंद्रबली लड़न जी, रमेश राम,  कमाल खान, दारा खान, निहाल खान, रिक्कू खान, रिंकू खान, शकील खान, लालू यादव, दिनेश कुमार, राजेश कुमार राज,  ऋषभ चौधरी, जयंत चौधरी, आयुष चौधरी, आयुष गुप्ता, प्रिंस कुमार शर्मा, सोनू कुमार, रमेश, राम लखन राम  सहित सैकड़ो साथी उपस्थित रहे। वही धन्यवाद ज्ञापन रमेश राम दिनेश कुमार एवम् शिव प्रकाश यादव ने किया। संध्या 6 बजे कैंडल प्रज्जवलित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई मौके सैकड़ों साथी उपस्थित रहे।

 

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