– जीएनएम स्कूल में सीएचओ को फैमिली प्लानिंग को लेकर किया गया प्रशिक्षित
– स्थायी और अस्थायी साधनों और उसके उद्देश्यों की दी गई विस्तृत जानकारी
बीआरएन बक्सर। परिवार नियोजन के उद्देश्यों की पूर्ति और नियोजन के साधानों के प्रति लोगों में जागरूकता को बढ़ाना देने के लिए गुरुवार को जिले के पांच प्रखंडों के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण पुराना सदर अस्पातल परिसर स्थित जीएनएम स्कूल में संपन्न हुआ। जिसमें प्रशिक्षकों द्वारा सभी सीएचओ परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण की शुरुआत करते हुए पॉपूलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल (पीएसआई) के प्रोग्राम मैनेजर सह ट्रेनर ज्ञान प्रकाश पांडेय ने बताया कि बिहार में मातृ मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से सरकार परिवार नियोजन के साधनों को बढ़ावा दे रही है।
ट्रेनर ज्ञान प्रकाश पांडेय ने बताया कि समुदाय के लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने में सीएचओ की भूमिका अहम होती है। क्योंकि धरातल पर आशा कार्यकर्ताओं के बाद योग्य दंपतियों की काउंसिलिंग सीएचओ ही करती हैं। ऐसे में योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन के सभी साधनों की जानकारी देना और उसके अनुसार अपने सेंटर पर वैसी व्यवस्था रखें। ताकि, लोगों को सेंटर्स में आते ही परिवार नियोजन के साधनों की समझ हो और वो खुलकर इस विषय पर बात कर सकें।
जागरूकता के लिए नियोजन के साधनों को रखें व्यवस्थित :- ट्रेनर ज्ञान प्रकाश पांडेय ने बताया कि परिवार नियोजन के लिए आपके सेंटर पर आने वाले योग्य दंपति आपके लाभुक (ग्राहक) है, उन्हें अपना मरीज न समझे। ऐसे में लाभुकों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए सेंटर पर परिवार नियोजन के बैनर व पोस्टर लगाकर रखने होंगे। वहीं, नियोजन के साधनों को व्यवस्थित रखें। जैसे बास्केट ऑफ चॉइस के सभी साधनों को व्यवस्थित रखें। साथ ही, कॉन्डम बॉक्स को सेंटर के मुख्य द्वार के पास लगाएं। जिससे लोगों में उत्सुकता और जागरूकता बढ़ सके। इससे योग्य दंपतियों की काउंसिलिंग करने में उन्हें आसानी होगी। साथ ही, अस्थायी साधनों को दिखकर आप लाभुकों को ठीक से जानकारी दे सकती हैं। एक बार जब लाभुक जागरूक हो जाए तो वह स्वयं किसी एक साधन का चयन कर सकेगा।
हरेक साधन की दें विस्तृत जानकारी :
ज्ञान प्रकाश पांडेय ने बताया कि परिवार नियोजन के साधनों को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है। ऐसे में सीएचओ अपने सेंटर पर स्थित बास्केट ऑफ चॉइस के सभी साधनों के संबंध में विस्तृत जानकारी दें। बात चाहे अंतरा के डोज की हो या फिर ओरल पिल्स की। सभी के फायदों और उसके प्रभावों की जानकारी उन्हें दें। ताकि, उनमें सभी साधनों की समझ बढ़े। वहीं, आईयूसीडी के अलावा नियोजन के स्थायी साधन नसबंदी और बंध्याकरण को लेकर भी उन्हें जागरूक करें। ताकि, भविष्य में वो स्थायी साधन इस्तेमाल कर सकें। साथ ही, लोगों को सभी साधनों के लिए सरकार और विभाग की ओर से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि या क्षतिपूर्ति राशि के संबंध में बताएं। ऐसा करने से हम सभी परिवार नियोजन के मुख्य उद्देश्य की पूर्ति कर सकेंगे।
प्रशिक्षण में एसीएमओ सह डीएमओ डॉ. शैलेंद्र कुमार, सदर अस्पताल की आरएमएनसीएच+ए की काउंसलर ममता कुमारी, डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल के आरएमएनसीएच+ए के काउंसलर कलीम अख्तर, डीएमईओ अमित अंकुर, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक हिमांशु सिंह, पीरामल फाउंडेशन डीपीएचओ सिद्धार्थ गौतम, भव्य ऐप के डीसी प्रेम कुमार, सीएफएआर के एसपीए अमित सिंह के अलावा प्रखंडों से आए सीएचओ शामिल रहे।