राजगीर (नालंदा दर्पण)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पंचाने नदी सिंचाई योजना के जीर्णोद्धार की घोषणा से इलाके में खुशी की लहर दौड़ गई है। किसानों के लिए लाइफलाइन कही जाने वाली पंचाने नदी की गाद निकालकर इसके पुनरुद्धार से वर्षों से लंबित मांग पूरी हो जाएगी। इसके साथ ही सिंचाई की सुविधाएं बढ़ेंगी और गांवों के जलस्रोतों का जलस्तर भी सुधरेगा।
इस नदी के पुनरुद्धार के बाद कश्मीर की डल झील की तरह पर्यटन की संभावनाएं भी विकसित होंगी। इलाके के किसान लंबे समय से पंचाने नदी की सफाई और पुनरुद्धार की मांग कर रहे थे। यह नदी नालंदा जिले की प्रमुख सुरसर नदियों में से एक रही है। पहले इस नदी में निर्मल जलधाराएं बहती थीं। जिससे किसान सिंचाई कर खुशहाल रहते थे। लेकिन अवैध रूप से बालू खनन के कारण पंचाने नदी में गाद और गंदगी भर गई, जिससे यह लगभग मृतप्राय हो गई।
नदी में पानी की कमी से इलाके के किसानों को सिंचाई संकट का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही पीने के पानी की समस्या भी गंभीर होती जा रही थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पंचाने नदी को पुनर्जीवित करने की घोषणा से किसानों को संजीवनी मिलने की उम्मीद जगी है। नदी के पुनरुद्धार से यह केवल कृषि के लिए नहीं, बल्कि पर्यटन के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है।
अगर पंचाने नदी में डल झील की तर्ज पर नौका विहार और नाव पर रात्रि विश्राम की व्यवस्था की जाती है तो यह देश-विदेश के पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन सकता है। इससे राजस्व संग्रह के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्रोत विकसित किया जा सकता है।
फिलहाल पंचाने नदी में गाद और घास जमा होने के कारण जल संचयन नहीं हो पाता है। जिससे किसानों को सिंचाई की सुविधा नहीं मिल रही है। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से समस्या के समाधान की उम्मीद बढ़ गई है। अगर नदी की गाद हटाने का कार्य प्रभावी ढंग से किया जाता है तो यह इलाके के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है।
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