बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। अब बिहार के सरकारी स्कूलों में भी निजी स्कूलों की तरह इंटीग्रेटेड मैथ और साइंस लैब का उद्घाटन किया जाएगा। इसके माध्यम से बच्चे गणित और विज्ञान की विषयों को व्यवहारिक रूप से समझ सकेंगे और इन क्षेत्रों में नवाचार के साथ अपनी रचनात्मकता का विकास कर सकेंगे। राज्य भर में कुल 4621 सरकारी स्कूलों का चयन किया गया है। उनमें नालंदा के भी 140 स्कूल शामिल हैं।
इस पहल के तहत प्रत्येक स्कूल में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, और गणित (STEM) के क्षेत्र से जुड़े सभी अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके माध्यम से बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान मिलेगा और वे गणितीय तथ्यों एवं प्रमेयों को खुद सत्यापित करने में सक्षम होंगे। साथ ही बच्चे गणितीय मॉडलों का उपयोग करते हुए विभिन्न गतिविधियों को सीखेंगे और उन्हें इन प्रयोगों में अपनी रुचि और कौशल दिखाने का मौका मिलेगा।
डीईओ राज कुमार ने बताया कि यह इंटीग्रेटेड लैब बच्चों को न केवल गणित और विज्ञान की अवधारणाओं को समझने में मदद करेगी, बल्कि उन्हें प्रौद्योगिकी उपकरणों के माध्यम से नवाचार के क्षेत्र में भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। इस लैब में कुल 62 उपकरण उपलब्ध होंगे। जिनमें से 31 विज्ञान के, 23 गणित के, और 8 STEM विषयों के उपकरण होंगे।
बिहार शिक्षा परियोजना (बीईपी) ने सभी जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) और जिला परियोजना अधिकारी (डीपीओ) को सूची भी उपलब्ध करा दी है। ताकि लैब की स्थापना की प्रक्रिया में कोई भी रुकावट न आए।
इंटीग्रेटेड मैथ और साइंस लैब (आईएसएम) की स्थापना को लेकर रेलटेल, टीसीआईएल और यूनिकॉप्स जैसी तीन एजेंसियों का चयन किया गया है। इन एजेंसियों को अलग-अलग जिलों में लैब की स्थापना का कार्य सौंपा गया है। नालंदा जिले में लैब की जिम्मेदारी रेलटेल को दी गई है। जबकि अन्य जिलों में टीसीआईएल और यूनिकॉप्स का कार्य होगा।
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