गरीबों का राशन डकार रहे 4 दुकानदारों पर FIR दर्ज, नीलाम पत्र दायर करने का भी आदेश

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। FIR lodged against 4 shopkeepers: बिहारशरीफ के सदर अनुमंडल क्षेत्र में गरीबों के राशन को हड़पने वाले जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। हजारों क्विंटल अनाज को कालाबाजारी में बेचने के मामले में चार दुकानदारों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है।

इन दुकानदारों पर आरोप है कि इन्होंने गरीबों के हक का अनाज गबन कर उसे अवैध रूप से बाजार में बेच दिया। एसडीओ काजले वैभव नितिन के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। जिसमें न केवल एफआईआर दर्ज हुई है, बल्कि दुकानदारों से अनाज के मूल्य के बराबर रकम वसूलने के लिए नीलाम पत्र दायर करने का भी आदेश दिया गया है।

प्रशासन ने दिसंबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच 50 से अधिक जनवितरण दुकानों की जांच की थी, जिसमें 20 दुकानदारों से जवाब-तलब किया गया। जांच में पाया गया कि चार दुकानदारों ने हजारों क्विंटल अनाज का गबन किया और इसे काले बाजार में बेचकर भारी मुनाफा कमाया। एसडीओ ने कहा कि यह मामला केवल चार दुकानदारों तक सीमित नहीं है। अन्य कई दुकानदारों की भी संलिप्तता की आशंका है और आगे की जांच जारी है। विपणन पदाधिकारी से जांच रिपोर्ट मांगी गई है और अन्य दुकानदारों की भी गड़बड़ी पाए जाने पर उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी।

ई-पीडीएस प्रणाली की खामियों का लाभ उठाकर इन दुकानदारों ने स्टॉक में हेरफेर कर अनाज की कालाबाजारी की। डिजिटल सिस्टम में स्टॉक शून्य दिखाने पर ही अगले महीने का राशन आवंटित किया जाता है और दुकानदारों ने इस व्यवस्था का फायदा उठाया। इस घोटाले में अनुमानित अनाज की मात्रा 1000 से 1500 क्विंटल तक हो सकती है, जो आगे और भी बढ़ने की संभावना है।

एसडीओ वैभव नितिन ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि गरीबों के हक का अनाज हड़पने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि गरीबों को समय पर और सही मात्रा में अनाज मिले। अब सवाल यह उठता है कि क्या इन अनाज चोरों को कानून के शिकंजे में कसकर सजा दी जाएगी या फिर ये सिस्टम की खामियों का फायदा उठाकर बच निकलेंगे?

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