इस बार होलिका दहन 13 मार्च और होली पर्व 15 मार्च को मनाई जाएगी, जानें वजह

नालंदा दर्पण डेस्क। होली का पर्व इस बार कुछ अलग ही विशेष रूप से मनाया जाएगा। आमतौर पर लोग होली के दिन रंगों से सराबोर होते हैं। लेकिन इस बार यह पर्व थोड़ी देरी से मनाया जाएगा। फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दो दिन होने से होली का पर्व एक दिन बाद यानी 15 मार्च को मनाया जाएगा।

इस बार फाल्गुन की पूर्णिमा 13 मार्च को है। इस दिन होलिका दहन किया जाएगा। लेकिन खास बात यह है कि 14 मार्च को पूर्णिमा का स्नान और दान होना है और इस दिन शुक्रवार भी होगा। शुक्रवार को पूर्णिमा का योग दोपहर तक ही रहेगा। जबकि होलिका दहन रात में किया जाता है। इस कारण शुक्रवार को होलिका दहन नहीं हो पाएगा।

13 मार्च की रात में पूर्णिमा तिथि विद्यमान रहेगी और भद्रा भी रात 10:37 बजे तक समाप्त हो जाएगी। इस समय होलिका दहन की शुभ तिथि बनती है। जिसे लोग अपने घरों में विधिपूर्वक मनाते हैं। इस पूजा से परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।

इसके बाद 14 मार्च को स्नान-दान की पूर्णिमा होगी। लेकिन रंगों का उत्सव होली 15 मार्च को मनाया जाएगा। 15 मार्च को शनिवार के दिन दो शुभ नक्षत्रों का संयोग रहेगा। सुबह 7:46 बजे तक उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र रहेगा। फिर पूरे दिन हस्त नक्षत्र रहेगा। इसके अलावा दोपहर के बाद वृद्धि योग भी होगा, जो होली के त्योहार को और भी शुभ बनाता है।

शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन में पूर्णिमा तिथि, भद्रा मुक्त समय और रात का वक्त आवश्यक होता है। इस बार 13 मार्च की रात में पूर्णिमा और भद्रा दोनों का संगम रहेगा। इसलिए 15 मार्च को होली मनाना विशेष रूप से शुभ माना जाएगा। इस दिन होलिका जलाने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। बल्कि व्यक्ति की आयु और ऐश्वर्य में भी वृद्धि होती है।

इस बार होली का रंग सबसे खास होगा। क्योंकि दो शुभ नक्षत्रों और वृद्धि योग के संयोग से यह पर्व विशेष रूप से फलदायी होगा। लोग इस दिन अपनों के साथ मिलकर होली के त्योहार को धूमधाम से मनाने के लिए तैयार हो गए हैं।

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