पटना: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट को कुछ प्रेरणादायक भारतीय महिलाओं के हवाले किया। इसमें बिहार की अनीता देवी, जिन्हें ‘मशरूम लेडी’ Anita Devi Mushroom Lady के नाम से जाना जाता है, ने अपनी संघर्ष और सफलता की कहानी साझा की। नालंदा जिले के अनंतपुर गांव की रहने वाली अनीता ने आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है।
Anita Devi Mushroom Lady: संघर्ष से आत्मनिर्भरता तक का सफर
अनीता देवी ने साल 2016 में जब स्टार्टअप्स का दौर तेज हुआ, तब माधोपुर फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की नींव रखी। उन्होंने बताया, “मेरी आमदनी बहुत कम थी, घर में झूलती रहती थी। फिर मैंने मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण लिया और बिहार सरकार की जीविका परियोजना से जुड़ी।” शुरुआत में 50 यूनिट से काम शुरू किया, फिर 10,000 रुपये का लोन लेकर इसे बढ़ाया। आज उनकी क्षमता 500 यूनिट की है, जिसमें 10 महिलाएँ काम करती हैं।
नालंदा, बिहार: 'बिहार की मशरूम लेडी' के नाम से मशहूर अनीता देवी ने गरीबी और मुश्किलों को पार करते हुए आत्मनिर्भरता हासिल की। 2016 में उन्होंने माधोपुर फार्मर्स प्रोड्यूसर्स कंपनी की स्थापना की, जिसमें मशरूम की खेती का इस्तेमाल कर ग्रामीण महिलाओं का उत्थान किया गया और उन्हें… pic.twitter.com/TUe3L89ZAC
— IANS Hindi (@IANSKhabar) March 8, 2025
Mushroom Farming Bihar: सैकड़ों महिलाओं को दी नई राह
Mushroom Farming Bihar में अनीता ने न केवल अपने परिवार को सशक्त किया, बल्कि सैकड़ों महिलाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाया। बिहार सरकार की Jeevika Project और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) से मिले प्रशिक्षण ने उनके सपनों को पंख दिए। उनकी कंपनी अब किसानों को सस्ते दामों पर खाद, बीज और कीटनाशक भी मुहैया कराती है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिला।
International Women’s Day 2025: महिलाओं के लिए प्रेरणा
अनीता ने PM मोदी के अकाउंट से कहा, “आर्थिक स्वतंत्रता ही महिलाओं का सम्मान और सामाजिक स्थिति मजबूत करती है। आज महिलाएँ किसी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। घर से बाहर निकलें, मेहनत करें, तरक्की आपकी होगी।” उन्होंने सभी महिलाओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि दो नहीं, चार हाथ मिलकर काम करें तो प्रगति तेज होगी।
आगे की योजना: मखाना उत्पादन में कदम
‘मशरूम लेडी’ अब मखाना उत्पादन में भी हाथ आजमाने की सोच रही हैं। उनकी यह यात्रा साबित करती है कि मेहनत और सही मार्गदर्शन से सफलता की ऊँचाइयाँ छूई जा सकती हैं। अनीता देवी की कहानी नालंदा की महिलाओं के लिए ही नहीं, पूरे देश के लिए प्रेरणा है।
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