बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। सरकारी स्कूल के बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने और नयी खोज की प्रेरणा देने के उद्देश्य से शुरू की गई इंस्पायर अवार्ड योजना में इस बार जिले के 163 बच्चों के इनोवेशन आइडिया का चयन हुआ है। जबकि वर्ष 2023-24 में यह संख्या 114 थी। पूरे राज्य से इस वर्ष 1988 बच्चों के आइडिया चयनित किए गए हैं।
राज्य स्तरीय चयन में नालंदा चौथे स्थान परः इस बार चयनित बच्चों की संख्या के आधार पर पूर्णिया जिले को पहला स्थान मिला है,जहाँ से 251 बच्चों के इनोवेटिव आइडिया स्वीकृत हुए हैं। दूसरे स्थान पर औरंगाबाद के 234, तीसरे स्थान पर वैशाली के 223, चौथे स्थान पर नालंदा के 163 और पाँचवें स्थान पर पटना के 162 बच्चों के आइडिया चुने गए हैं। यह उपलब्धि शिक्षकों की समर्पित टीम और छात्रों की मेहनत का परिणाम है।
विज्ञान और तकनीक के प्रति बच्चों की रुचि बढ़ाने की पहलः इंस्पायर अवार्ड योजना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है, जिसका उद्देश्य स्कूली छात्रों में विज्ञान और नवाचार के प्रति रुचि बढ़ाना है। इस योजना के तहत कक्षा 6 से 10 तक के छात्रों से ऑनलाइन आवेदन ई-एमआईएएस पोर्टल के माध्यम से लिए गए थे। चयनित बच्चों को 10-10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, ताकि वे अपने इनोवेटिव आइडिया को मॉडल के रूप में विकसित कर सकें। एक स्कूल से अधिकतम पाँच छात्रों के आइडिया स्वीकार किए जाते हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर चयन और आगे की प्रक्रियाः देशभर से कुल एक लाख इनोवेशन आइडिया चुने गए हैं, जिनमें से 1000 को राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी के लिए स्थान मिलेगा। यह प्रतिष्ठित प्रदर्शनी आईआईटी दिल्ली में आयोजित की जाएगी। यदि किसी छात्र का इनोवेशन इस स्तर पर चयनित होता है, तो उसे राष्ट्रपति भवन में होने वाले “फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन” में प्रदर्शित किया जाएगा।
एनआईटी और आईआईटी से मिलेगा मार्गदर्शनः राष्ट्रीय स्तर पर चयनित छात्र-छात्राओं को एनआईटी और आईआईटी के विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिलेगा, जिससे वे अपने आइडिया को और विकसित कर सकेंगे। साथ ही उनके इनोवेशन पर रॉयल्टी भी दी जाएगी। इसमें से 60 सर्वश्रेष्ठ प्रोजेक्ट्स को राष्ट्रपति भवन में प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।
दरअसल, इंस्पायर अवार्ड योजना सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को नवाचार और वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान कर रही है। इस वर्ष नालंदा जिले से 163 बच्चों का चयन होना शिक्षा जगत के लिए गर्व की बात है। यह योजना छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने और समाज के लिए उपयोगी नवाचार करने के लिए प्रेरित कर रही है।
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