राजगीर (नालंदा दर्पण)। गर्मी की दस्तक के साथ ही राजगीर के प्रमुख पर्यटक स्थलों पर पानी की समस्या ने फिर से सिर उठाना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बहुप्रतीक्षित एवं महत्वाकांक्षी गंगा जल उद्वह योजना के तहत राजगीर के घरों, प्रतिष्ठानों, चौक-चौराहों और पर्यटन स्थलों पर स्वच्छ गंगा जल की आपूर्ति सुनिश्चित की गई थी। लेकिन देखरेख और सुरक्षा की कमी के कारण यह योजना अब अव्यवस्था की शिकार होती दिख रही है।
जानकारी के अनुसार शहर के कई चौक-चौराहों पर लगाए गए सार्वजनिक नलों की टोटियां चोरी हो चुकी हैं। बदमाशों ने विशेष रूप से पीतल की टोटियों को निशाना बनाया, जिससे कई स्थानों पर पानी व्यर्थ बह रहा है तो कहीं इसकी आपूर्ति पूरी तरह से बंद हो चुकी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों और संबंधित विभागों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण आम जनता को गर्मी में पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। राजगीर एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां हर साल लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं। ऐसे में गंगा जल उद्वह योजना के तहत सार्वजनिक स्थानों पर पानी की व्यवस्था की गई थी। ताकि पर्यटकों को परेशानी न हो। लेकिन हालात यह हैं कि कई स्थानों पर या तो नल टूटे पड़े हैं या पानी की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई है।
स्थानीय दुकानदारों और निवासियों का कहना है कि पानी की इस समस्या को लेकर कई बार संबंधित अधिकारियों से शिकायत की गई। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने मांग की है कि प्रशासन इस ओर तुरंत ध्यान दे और गंगा जल उद्वह योजना को सही तरीके से संचालित करे।
बता दें कि राजगीर में गंगा जल उद्वह योजना परियोजना बिहार सरकार की एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। लेकिन देखरेख की कमी और सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण यह योजना विफल होती नजर आ रही है।
सवाल उठता है कि जब इतनी बड़ी योजना चलाई गई थी तो उसकी मॉनिटरिंग और रखरखाव की जिम्मेदारी किसकी थी? यदि समय रहते इन समस्याओं को नहीं सुलझाया गया, तो आने वाले दिनों में राजगीर में जल संकट और गंभीर हो सकता है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस दिशा में कब तक कदम उठाता है और गंगा जल उद्वह योजना को सही दिशा में लाने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं। आम जनता और पर्यटकों की सुविधा के लिए जरूरी है कि इस समस्या का समाधान शीघ्र किया जाए।
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