अब पर्यटकों का नया आकर्षण केन्द्र होगा वैशालीगढ़ बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय स्मृति स्तूप

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार के वैशाली जिले में स्थित वैशालीगढ़ एक बार फिर सुर्खियों में है, जहां निर्माणाधीन बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय और स्मृति स्तूप अब पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में इस परियोजना का निरीक्षण किया और इसके निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने पूरे परिसर का दौरा किया और विकास कार्यों की प्रगति का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने बुद्ध स्तूप के भूतल और प्रथम तल का निरीक्षण किया, साथ ही ध्यान केंद्र की व्यवस्थाओं को भी देखा। इस मौके पर भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने उन्हें परियोजना की प्रगति से अवगत कराया। सचिव ने बताया कि निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और बचे हुए कार्यों को अगले एक महीने में पूर्ण कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि हम यहां बार-बार आते रहे हैं और निर्माण कार्यों की निगरानी करते रहे हैं। मेरे द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप कार्य को जल्द से जल्द पूरा करें।

मुख्यमंत्री ने परिसर को पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर विशेष ध्यान देने को कहा। उनका मानना है कि हरा-भरा और आकर्षक परिवेश पर्यटकों को एक अनूठा अनुभव देगा। इसके साथ ही उन्होंने आवागमन की सुविधाओं को बेहतर करने पर भी बल दिया ताकि पर्यटक कम समय में और आसानी से वैशालीगढ़ पहुंच सकें। नीतीश कुमार ने कहा कि यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, जिससे क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा।

वैशाली का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व किसी से छिपा नहीं है। मुख्यमंत्री ने बताया कि भगवान बुद्ध के अस्थि कलशों में से वैशाली में प्राप्त कलश सबसे प्रमाणिक माना जाता है। बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय और स्मृति स्तूप के बनने से यह स्थान न केवल बौद्ध भिक्षुओं के लिए, बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख केंद्र बनेगा। यह संग्रहालय महात्मा बुद्ध के जीवन और बौद्ध धर्म से जुड़ी घटनाओं को प्रदर्शित करेगा। जिससे आगंतुकों को उनकी शिक्षाओं और दर्शन के बारे में गहरी जानकारी मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बोधगया और राजगीर जैसे बौद्ध तीर्थ स्थलों पर आने वाले श्रद्धालु अब वैशालीगढ़ की ओर भी रुख करेंगे। इस संग्रहालय के बनने से बिहार के पर्यटन मानचित्र पर वैशाली का महत्व और बढ़ जाएगा। परियोजना के पूर्ण होने के बाद यह स्थान न केवल आध्यात्मिक शांति का केंद्र बनेगा, बल्कि इतिहास और संस्कृति में रुचि रखने वालों के लिए भी एक अनमोल खजाना साबित होगा।

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