बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार में सड़क विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने मोकामा-मुंगेर ग्रीनफील्ड फोरलेन एनएच-80 (नया एनएच-33) के अलाइनमेंट को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। यह फोरलेन सड़क प्रस्तावित बक्सर से मिर्जाचौकी फोरलेन एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा होगी।
अधिसूचना के अनुसार मोकामा से मुंगेर तक की 81 किमी लंबी यह सड़क पटना, लखीसराय और मुंगेर जिलों के 89 गांवों से होकर गुजरेगी। इन गांवों में सड़क निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए प्राधिकरण भी निर्धारित कर दिया गया है। इस सड़क के निर्माण से स्थानीय लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी और क्षेत्र में आर्थिक विकास को बल मिलेगा।
बक्सर से मिर्जाचौकी प्रस्तावित फोरलेन एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 410 किमी होगी, जिसके विभिन्न हिस्सों पर काम तेजी से चल रहा है। बक्सर से पटना 120 किमी खंड में दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड निर्माणाधीन है। पटना से मोकामा 85 किमी खंड का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। मोकामा से मुंगेर 81 किमी खंड की निर्माण प्रक्रिया को मंजूरी मिल गई है और जल्द ही कार्य प्रारंभ होगा। मुंगेर से मिर्जाचौकी 124 किमी खंड का निर्माण सितंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना है।
इस सड़क के बनने से पटना, लखीसराय और मुंगेर के लोगों को आवागमन में सहूलियत होगी। औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। कृषि उत्पादों के परिवहन में तेजी आएगी। जिससे किसानों को सीधा लाभ होगा। क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
फिलहाल सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की योजना इस परियोजना को तय समयसीमा में पूरा करने की है। जमीन अधिग्रहण और अन्य प्रारंभिक प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द निपटाने की कवायद शुरू हो चुकी है। आने वाले वर्षों में यह एक्सप्रेसवे बिहार के यातायात और व्यापार के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा।
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