राजगीर के पर्यटन स्थलों पर बढ़ता आतंक, पर्यटकों की सुरक्षा पर उठे सवाल

राजगीर (नालंदा दर्पण)। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर एक बार फिर चर्चा में है। लेकिन इस बार इसकी वजह यहां की प्राकृतिक सुंदरता या ऐतिहासिक धरोहरें नहीं, बल्कि बदमाशों का आतंक है। हाल ही में वैभारगिरि पर्वत पर दो बौद्ध धर्मावलंबियों के साथ मारपीट और लूटपाट की घटना ने पर्यटकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ये दोनों पीड़ित उत्तर प्रदेश के निवासी थे। जो एक श्रीलंकाई बौद्ध गुरु के साथ धर्म यात्रा पर राजगीर पहुंचे थे।

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राजगीर के जंगल और पर्वतों में घूमना अब सुरक्षित नहीं रह गया है। यहां के प्रमुख पर्यटक स्थल- जैसे मनियार मठ, सोन भंडार, जरासंघ अखाड़ा, बिंबिसार जेल, घोड़ा कटोरा, गृद्धकूट पर्वत, और वैभारगिरी पर्वत पर स्थित सप्तकर्णी गुफा आदि स्थल अक्सर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। लेकिन हालिया आपराधिक घटनाओं ने इस आकर्षण पर काले बादल मंडरा दिए हैं।

हालांकि पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन यह कदम केवल अस्थायी राहत जैसा प्रतीत होता है। स्थायी सुरक्षा इंतजामों की कमी के कारण पर्वतों और जंगलों में बदमाशों का हौसला बुलंद है। देर शाम ही नहीं, बल्कि दिन के उजाले में भी पर्यटक इन असामाजिक तत्वों के शिकार बन रहे हैं।

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं से राजगीर का पर्यटन उद्योग प्रभावित हो रहा है। परिवारों के साथ आने वाले पर्यटक यहां की सुरक्षा व्यवस्था से बेहद असंतुष्ट हैं। पर्यटक स्थल पर पुलिस की पर्याप्त तैनाती न होने से अपराधियों के हौसले और बढ़ जाते हैं।

इस घटना के बाद कई पर्यटकों ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने राजगीर को अपनी छुट्टियों का गंतव्य चुना था। लेकिन यहां आकर उन्हें सुरक्षा का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं दिखा। इस कारण उनकी यात्रा का अनुभव निराशाजनक रहा। स्थानीय होटल व्यवसायियों और अन्य व्यापारियों का भी यही मानना है कि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस की चौकसी बढ़ानी होगी। वरना यहां का पर्यटन उद्योग लंबे समय तक इस प्रभाव से उबर नहीं पाएगा।

यह समय है कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस मिलकर एक ठोस योजना बनाएं। ताकि राजगीर में आने वाले पर्यटक न केवल यहां की खूबसूरती का आनंद उठा सकें, बल्कि सुरक्षित भी महसूस कर सकें। एक सुरक्षित माहौल ही राजगीर को फिर से विश्व पर्यटन मानचित्र पर प्रतिष्ठित कर सकता है।

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