अब हर मौसम में गुलजार राजगीर, बढ़ती संख्या और नई संभावनाएं

राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार के ऐतिहासिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर राजगीर अब हर मौसम में पर्यटकों से गुलजार रहता है। नेचर सफारी, जू-सफारी, ग्लास ब्रिज और घोड़ाकटोरा जैसी पर्यटनीय स्थलों के विकसित हो जाने से यहाँ हर साल लाखों की संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं।

वर्ष 2023 में मलमास मेला के दौरान रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु पहुंचे थे। जबकि 2024 में बिना मलमास के ही सैलानियों की संख्या 25 लाख को पार कर गई। यह पहली बार हुआ जब पर्यटन विभाग के अनुसार इतनी बड़ी संख्या में पर्यटक यहाँ आए।

2024 में कुल 2452766 भारतीय पर्यटक राजगीर पहुंचे। जबकि 102042 विदेशी सैलानियों ने भी यहाँ की खूबसूरती का आनंद लिया। सबसे ज्यादा भारतीय सैलानी दिसंबर महीने में आए। जिनकी संख्या 375000 से अधिक थी। जबकि विदेशी पर्यटकों की सबसे बड़ी संख्या नवंबर में दर्ज की गई। जब 19045 विदेशी पर्यटक यहाँ पहुंचे।

राजगीर में पर्यटन सुविधाओं के विस्तार से सैलानियों का आकर्षण लगातार बढ़ रहा है। नया आठ-सीटर रोप-वे अब बंद केबिन बन गया है। इसमें बच्चे और बुजुर्ग भी आराम से यात्रा कर पा रहे हैं। विश्व शांति स्तूप तक पहुँचने के लिए इस आधुनिक रोप-वे का उपयोग किया जा रहा है। जिससे सालभर में 7 लाख से अधिक पर्यटक सफर कर चुके हैं। इस रोप-वे से 2024 में पर्यटन विभाग को 8 करोड़ रुपए की आमदनी हुई।

इसके अलावा इको-फ्रेंडली टूरिस्ट सेंटर घोड़ाकटोरा में भी 3 लाख से अधिक पर्यटक आए। जिससे 25 लाख रुपए से अधिक की आय हुई। आठ-सीटर केबिन वाला रोप-वे बनने के बाद इसमें यात्रा करने वालों की संख्या बढ़ गई है। कुल 20 केबिन वाले इस रोप-वे में से 18 केबिन पर्यटकों के लिए उपलब्ध हैं और प्रति घंटे 800 लोगों को सफर कराया जा रहा है।

राजगीर में नए नालंदा विश्वविद्यालय, अंतर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम और अन्य कई नए पर्यटन स्थलों का विकास किया जा रहा है। आने वाले वर्षों में कई और नए प्रोजेक्ट पूरे होने वाले हैं। जिससे पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होगी। इन नई सुविधाओं के चलते राजगीर अब पूरे वर्ष भर पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन चुका है।

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