बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। जनवितरण डीलरों की हड़ताल के चलते नालंदा जिले में राशन वितरण कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है। एक फरवरी से जिले के जनवितरण प्रणाली दुकानदार 300 रुपये प्रति क्विंटल मार्जिन मनी भुगतान समेत आठ सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस हड़ताल के कारण गरीबों को मिलने वाला मुफ्त राशन नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनके चूल्हे ठंडे पड़ने लगे हैं।
इस जिले में कुल 1525 जनवितरण दुकानदार हैं, लेकिन हड़ताल के चलते अब तक महज 2.99 प्रतिशत राशन ही वितरित हो सका है। हड़ताल का आज 12वां दिन है और स्थिति और गंभीर होती जा रही है। यहां कुल 5.47 लाख राशन कार्ड धारक हैं, जिनके अंतर्गत 22.42 लाख लोग लाभान्वित होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को माह में पांच किलो मुफ्त अनाज (तीन किलो चावल और दो किलो गेहूं) मिलने का प्रावधान है। हालांकि वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के लागू होने के बाद लाभार्थियों की संख्या बढ़ गई है। फिर भी अब तक मात्र 16,332 कार्डधारियों को राशन मिल पाया है। इनमें भी 10927 लाभार्थियों ने अपने क्षेत्र के बजाय अन्य क्षेत्रों की जनवितरण दुकानों से अनाज प्राप्त किया।
हड़ताल का नेतृत्व कर रहे फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन ने सरकार के सामने 30000 रुपये मासिक मानदेय, 300 रुपये प्रति क्विंटल मार्जिन मनी का भुगतान, अनुकंपा पर दुकान आवंटन के लिए निर्धारित 58 वर्ष की आयु सीमा समाप्ति, सोमवार को साप्ताहिक अवकाश घोषित किया जाने जैसी प्रमुख मांगे रखी हैं। एसोसिएशन के अनुसार जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
इस हड़ताल के चलते लाखों गरीब परिवारों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो रही है। आम तौर पर महीने की 2 से 7 तारीख के बीच 60 से 80 प्रतिशत राशन का वितरण हो जाता था। लेकिन इस बार हड़ताल के कारण ऐसा नहीं हो पाया है।
हालांकि, कुछ जनवितरण दुकानदार व्यक्तिगत पहल से अत्यंत जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा जैसा साबित हो रहा है। आंदोलन के चलते अधिकांश दुकानदार राशन वितरण करने से बच रहे हैं। जिले के कुछ क्षेत्रों में स्थिति अत्यंत गंभीर है। जैसे थरथरी में एक भी लाभार्थी को राशन नहीं मिला है। जबकि नगरनौसा और नूरसराय में मात्र एक-एक तथा बेन में केवल दो कार्डधारकों को अनाज प्राप्त हुआ। सबसे अधिक राशन अस्थावां क्षेत्र में वितरित किया गया है। जहां 8177 जरूरतमंदों को अनाज दिया गया।
बहरहाल डीलरों की हड़ताल जारी रहने से जनता की परेशानियां दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। गरीब परिवारों के लिए राशन जीवन-रेखा की तरह है। लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। यदि जल्द ही समाधान नहीं निकला तो आने वाले दिनों में स्थिति और भयावह हो सकती है। जरूरतमंद नागरिक सरकार से जल्द कोई समाधान निकालने की गुहार लगा रहे हैं।
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