राजगीर (नालंदा दर्पण)। प्रयागराज महाकुंभ मेला के समापन की ओर बढ़ते कदमों के साथ ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब भी बढ़ता जा रहा है। राजगीर रेलवे स्टेशन पर हर दिन तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। वाराणसी जाने वाली बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस पकड़ने के लिए स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ इकट्ठी हो गई।
यह ट्रेन तिलैया से होते हुए राजगीर पहुंची, तब तक यह पूरी तरह यात्रियों से भर चुकी थी। ट्रेन में प्रवेश के लिए यात्रियों के बीच अफरा-तफरी मच गई। ट्रेन की स्थिति ऐसी थी कि खड़े होने तक की जगह नहीं बची थी। बावजूद इसके लोग किसी तरह ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करते रहे। भारी संख्या में तीर्थयात्री अथक प्रयासों के बावजूद ट्रेन पर सवार नहीं हो सके। कुछ यात्री मजबूरी में वापस लौट गए। जबकि अन्य यात्रियों ने अगले दिन यात्रा करने के लिए स्टेशन पर ही डेरा डाल दिया।
यहां यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जीआरपी और स्थानीय पुलिस पूरी तरह मुस्तैद रहा। यात्रियों को बख्तियारपुर और पटना जाकर मेला स्पेशल ट्रेन पकड़ने की सलाह दी गई। ताकि स्टेशन पर भीड़ का दबाव कम किया जा सके। इसके बावजूद हालात नियंत्रण से बाहर होते नजर आए।
बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस से वाराणसी जाने वाले आरक्षित टिकट धारकों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ट्रेन में भीड़ इतनी अधिक थी कि एसी और स्लीपर कोचों में भी लोगों को बैठने तक की जगह नहीं मिल पा रही थी। कई यात्रियों को एक ही सीट पर 8-10 लोगों के साथ बैठने को मजबूर होना पड़ा। स्थिति यहां तक पहुंच गई कि कुछ यात्री बाथरूम में भी सफर करने के लिए मजबूर हो गए।
हालांकि स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ी। ओवरब्रिज पर भीड़ ज्यादा न हो, इसके लिए जीआरपी पुलिस लगातार यात्रियों को नियंत्रित करने में लगी रही। यहां जिस तरह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। उससे साफ है कि महाकुंभ मेले की आस्था का रंग चरम पर है।
फिलहाल प्रशासन अपनी ओर से यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटा है। लेकिन यात्रियों की संख्या के सामने व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हो रही हैं। आने वाले दिनों में यह भीड़ अधिक बढ़ने की संभावना है। जिससे रेलवे और प्रशासन की चुनौतियां और बढ़ सकती हैं।
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