बिहारशरीफ सदर अस्पताल में पीकू तैयार, गंभीर बच्चों-किशोरों का होगा इलाज

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों और किशोरों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ी राहत प्रदान की है। बिहारशरीफ सदर अस्पताल में 42 बेड का अत्याधुनिक पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) तैयार हो चुका है। इसे जल्द ही अस्पताल प्रबंधन को हैंडओवर किया जाएगा। इस यूनिट के निर्माण में 3 करोड़ 89 लाख रुपये की लागत आई है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगामी पांचवें चरण के प्रगति यात्रा के दौरान इस यूनिट का उद्घाटन होने की संभावना है। हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हो पाई है।

इस नए पीकू यूनिट के बन जाने से गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों और किशोरों को अब प्राइवेट क्लिनिक में भर्ती कराना आवश्यक नहीं रहेगा। सरकारी अस्पताल में यह सुविधा पूरी तरह निःशुल्क होगी। जिसमें परिजनों को इलाज के लिए एक फूटी कौड़ी भी खर्च नहीं करनी पड़ेगी। मरीज का केवल दो रुपये में पंजीकरण कराना होगा। जिसके बाद सभी चिकित्सा सेवाएं और दवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएंगी।

यह पीकू यूनिट पूरी तरह से वातानुकूलित होगा और इसमें चिकित्सा सेवा में उपयोग होने वाले सभी अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। यूनिट में ओपीडी की सुविधा भी उपलब्ध होगी। जिससे सामान्य परामर्श और इलाज के लिए भी मरीजों को सहूलियत होगी। इसके अलावा यूनिट में बैड-टू-बैड ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था भी की गई है। जिससे ऑक्सीजन प्लांट से सीधे सप्लाई हो सकेगी।

इस पीकू यूनिट में भर्ती मरीजों के लिए चौबीस घंटे शिशु रोग विशेषज्ञ की निगरानी उपलब्ध होगी। जीवन रक्षक दवाएं भी हर समय उपलब्ध रहेंगी। जिससे किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता दी जा सके। आईसीयू की तर्ज पर इसे पूरी तरह से विकसित किया गया है। जिससे मरीजों और उनके परिजनों को राहत मिल सकेगी।

फिलहाल अस्पताल में मात्र 10 बेड का पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) संचालित हो रहा है। जिसे अब नए 42 बेड के यूनिट में मर्ज किया जाएगा। पुराने वार्ड में बेड की कमी के चलते कई बार चिकित्सकों को मरीजों को रेफर करना पड़ता था। लेकिन अब इस नए यूनिट के बनने से यह समस्या दूर हो जाएगी और अधिक संख्या में मरीजों को यहां इलाज की सुविधा मिल सकेगी।

इस नए यूनिट के तैयार होने से नालंदा के बच्चों और किशोरों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी और उन्हें प्राइवेट अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह नालंदा जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और इससे स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार होगा।

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