नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार स्वास्थ्य विभाग में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर चार साल तक नौकरी कर रहे 12 जनरल नर्सिंग मिडवाइफ (जीएनएम) कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इस मामले में एक स्वास्थ्यकर्मी की मृत्यु भी हो चुकी है। विभाग ने इस मामले में अब राशि की वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस भी दर्ज किया है।
गोपालगंज के सिविल सर्जन डॉ. बीरेंद्र प्रसाद के अनुसार इन कर्मचारियों पर पहले ही प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई जा चुकी थी और जांच के बाद कार्रवाई की गई। इनमें से एक स्वास्थ्यकर्मी का निधन हो चुका है। जबकि शेष 11 पर अभी कार्रवाई जारी है। 15 मार्च 2021 को स्वास्थ्य विभाग पटना के एक फर्जी पत्रांक पत्र (संख्या 313(6)) के आधार पर इन 12 कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र जारी किया गया था।
मामला तब सामने आया जब स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख (नर्सिंग) को इस नियुक्ति पत्र पर शिकायत मिली। जिसके बाद मामले की पुनः जांच की गई। जांच में यह पाया गया कि पत्रांक पत्र संख्या 313(6) बिल्कुल फर्जी था।
इन बर्खास्त कर्मचारियों में विभिन्न जिलों के स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं, जिनमें जहानाबाद के राकेश कुमार, रणधीर कुमार, पटना के अर्जुन कुमार चौधरी, सीवान के रघुनाथपुर के दिग्विजय कुमार मांझी, पटना के दानापुर के सुनील कुमार चौधरी, नालंदा के खुदागंज के मिंटू कुमार चौधरी, पटना के दनियावां की प्रियंका कुमारी, लखीसराय के पीरी बाजार की शोभा कुमारी, मेदनी चौकी की नीलम कुमारी, नालंदा के वेना के रजनीश कुमार और लखीसराय के मेदनी चौक के संजीव कुमार शामिल हैं।
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