Chhapra: रिविलगंज प्रखंड के मुकरेड़ा गांव की बेटी सविता सिंह ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए साउथ एशिया की पहली महिला न्यायाधीश बनने का गौरव प्राप्त किया है। यह सफलता केवल उनकी ही नहीं बल्कि यह पूरे भारत एवं सारण जिला और विशेष रूप से उनके पैतृक गांव मुकरेड़ा के लिए गर्व की बात है।
न्यायाधीश सविता सिंह का आगमन छपरा के सुप्रसिद्ध शिक्षण संस्थान विवेकानंद इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के प्रांगण में बच्चों का उत्साहवर्धन व विशिष्ट मार्गदर्शन करने हेतु हुआ।
आगमन के दौरान संस्थान के निदेशक एवं रिविलगंज प्रखंड प्रमुख डॉ० राहुल राज द्वारा न्यायधीश महोदया का स्वागत अंगवस्त्र और बुके देकर किया तथा उन्हें उनकी इस अप्रतिम उपलब्धि हेतु बधाईयां भी दी।
न्यायाधीश सविता सिंह ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें अपने कर्म और लक्ष्य के प्रति दृढसंकल्पित रहना अतिआवश्यक है। विद्यार्थियों में परीक्षा का दबाव कम करने तथा बेहतरीन योग्यता प्राप्त करने के उद्देश्य से सभी छात्र-छात्राओं को अभिप्रेरित और मार्गदर्शित करते हुए कहा कि अध्ययन के प्रति रोचकता और जूनून का होना बहुत जरुरी है।
उन्होंने यह भी बताया कि हमारी रूचि अधिकांशतः नकारात्मक तथ्य में ही होती है, परन्तु इसके विपरीत हमें वही रूचि उन तथ्य में लानी होंगी जिसपर हमारा उज्जवल भविष्य टीका हुआ है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को 10वीं बोर्ड, 12वीं व आई आई टी जी नीट आदि की सफलतम तैयारी कैसे करें, इस तथ्य पर भी बच्चो के साथ उन्होंने चर्चा की तथा परीक्षा के दौरान होने वाले समस्या समाधान हेतु भी उन्होंने विचार-विमर्श किया।
सविता सिंह न्यायाधीश पद पर होते हुए भी आम आदमी की तरह सरल एवं नम्रतापूर्ण व्यवहार के साथ सामाजिक दुनिया से रूबरू होकर लोगो को अभिप्रेरित कर रही हैं। उन्होंने विद्यालय के समस्त शिक्षक, शिक्षिकाओं का भी धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि इस संस्थान के बच्चों का प्रयास काबिले तारीफ़ है। विद्यालय के बच्चो ने भी न्यायाधीश महोदया के महत्वपूर्ण तथ्यो का अवलोकन करते हुए अपने मंतव्यों को उनके समक्ष रखा। न्यायाधीश सविता सिंह की प्रेरणादायी बातों ने सभी विद्यार्थियों को आकर्षित कर उनमे एक नया जूनून पैदा कर दिया। पूरे विद्यालय परिवार में उनके आगमन को लेकर सभी में ख़ुशी का माहौल कायम हो गया।