जेपीएम में महिला दिवस के अवसर पर “सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं की दृश्यता” विषय पर सेमिनार का आयोजन

जेपीएम में महिला दिवस के अवसर पर “सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं की दृश्यता” विषय पर सेमिनार का आयोजन

Chhapra: शहर के जय प्रकाश महिला कॉलेज में ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ के अवसर पर, प्राचार्य प्रो मंजू कुमारी सिन्हा की अध्यक्षता में IQAC एवं राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा एक राष्ट्रीय संगोष्ठी जिसका विषय “सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं की दृश्यता” का सफल आयोजन किया गया ।

प्रो मंजू कुमारी सिन्हा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में सभी को ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ की बधाई देते हुए कहा कि यह दिन न केवल महिलाओं के संघर्ष, उपलब्धियों और योगदान को पहचानने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि हमें यह सोचने पर भी मजबूर करता है कि हमें सभी महिलाओं को सशक्त करने की जरूरत है। यह दिन हमें अतीत में महिलाओं द्वारा झेले गए संघर्षों और समाज में उनकी प्रगति की याद दिलाता है।

अगर हम किसी समाज को मजबूत बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले हमें महिलाओं को सशक्त बनाना होगा और इसके लिए उनको अधिकार, शिक्षा, रोजगार और स्वतंत्रता देना होगा ताकि वे अपने जीवन मे अपनी एक निजी पहचान बना सके। आधुनिक महिलाएँ अब पुरुषों पर निर्भर नहीं हैं। वे हर मामले में स्वतंत्र और आत्मविश्वासी हैं और पुरुषों के बराबर हर काम करने में सक्षम हैं।

पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के अनुग्रह नारायण कॉलेज की अंग्रेजी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ विनीता सिंह मुख्य वक्ता थी जिन्होंने सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच अंतर बताया। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में मुद्दे उठाए और रूसो और मैरी वोलस्टोनक्राफ्ट जैसे कई लेखकों का संदर्भ दिया।

इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ,सहायक प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग, रामदयालु सिंह महाविद्यालय, मुजफ्फरपुर की डॉ अंबिका श्रीवास्तव ने महिला वैज्ञानिकों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने उन समस्याओं को उठाया जिनका सामना महिलाओं को अपने पारिवारिक जीवन को पेशेवर जीवन के साथ समायोजित करने में करना पड़ता है। उनके अनुसार इसका समाधान शिक्षा, लड़कियों और महिलाओं को सलाह और परामर्श प्रदान करने में निहित है।

जय प्रकाश महिला कॉलेज की राजनीति विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ शबाना परवीन मल्लिक ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका समय के साथ विकसित हुई है। पूर्व में उनकी सीमित भागीदारी थी लेकिन आज उनकी प्रतिनिधित्व राजनीति, व्यवसाय, नेतृत्व एवं अन्य सार्वजनिक क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है। शिक्षा के माध्यम से महिलाओं ने अपनी बढ़ती उपस्थिति का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने भारत और अमेरिका के राजनीतिक जीवन की तुलना की और इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में महिलाओं को राज्य और सरकार में सर्वोच्च पद प्राप्त हुआ है, जबकि अमेरिका और कई पश्चिमी देशों में महिलाओं को अभी तक यह पद नहीं मिला है।

राजनीति विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ रिंकी कुमारी ने कहा कि महात्मा गांधी ने नारी का राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, आध्यात्मिक सशक्तिकरण करना चाहते थे। गांधी के दर्शन का प्रमुख उद्देश्य एक न्याय प्रिय शोषण मुक्त तथा मानवीय समाज का निर्माण करना था, नारी को सर्वप्रथम एक मनुष्य का दर्जा देने के लिए आग्रह किया।

इसी कार्यक्रम में डॉ रिंकी कुमारी की पुस्तक ‘नारी सशक्तिकरण और गांधी’ का विमोचन भी किया गया।

इस कार्यक्रम का आयोजन राजनीति विज्ञान विभाग डॉ शबाना परवीन मल्लिक, डॉ सोनाली सिंह और डॉ रिंकी कुमारी द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में जयप्रकाश महिला महाविद्यालय के सभी शिक्षक उपस्थित थे साथ ही सभी छात्राओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।

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