CHHAPRA DESK – “बेटी नहीं बचाओगे तो बहू कहां से लाओगे” का नारा देने वाला यह समाज इतना निर्दयी हो गया है कि बेटी के जन्म पर उसे मारने से तनिक भी परहेज नहीं कर रहा है. ऐसे तमाम मामले समय-समय पर सामने आते रहते हैं, जब पुत्री के जन्म पर उसे मरने के लिए कूड़े या झाड़ी में फेंक दिया जाता है. ऐसा ही एक ताजा मामला सारण जिले के मांझी थाना क्षेत्र से सामने आई हैं, जहां, मानवता को शर्मसार करते हुए जन्म देने वाली मां ने नवजात बच्ची को नमक में लपेटकर फेंक दिया. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को गंभीर हालत में बरामद कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) मांझी में भर्ती कराया, जहां इलाज जारी है.
डॉक्टरों के अनुसार बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है. वहीं पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है,। आसपास के क्षेत्रों में पूछताछ की जा रही है, ताकि आरोपी महिला का पता लगाया जा सके. पुलिस का कहना है कि जल्द ही उस महिला को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वहीं इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है। लोगों ने ऐसी अमानवीय हरकत करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
क्या दहेज ही है वजह ?
आज एक तरफ “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” और “बेटी नहीं बचाओगे तो बहू कहां से लाओगे” के नारे बुलंद किये जा रहे हैं तो दूसरी तरफ दहेज दानव आज भी मुंह बाये खड़ा हुआ है. दहेज हत्या के अनगिनत मामले सामने आ रहे हैं. वही दहेज को लेकर प्रताड़ना की भी घटनाएं हो रही हैं. ऐसी स्थिति में बेटी का बाप सब कुछ जोड़-जुटाकर कर देने और अपने जिगर के टुकड़े बेटी को सौपने के बाद भी शोषण का शिकार हो रहा है. दहेज को लेकर पारिवारिक स्थिति डांवाडोल हो रही है.
ऐसी स्थिति में गरीब लोग कोख में हत्या और जन्म के बाद पुत्री को फेंकने व उसकी उसकी हत्या से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं. तमाम उपदेशों के बावजूद भी समाज दहेज मुक्त विवाह संपन्न कराने में असफल रहा है. आज दहेज पर लंबी चौड़ी भाषण देने वाले लोग भी बिना दहेज की शादी नहीं कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में नवजात बेटियों की हत्या और उन्हें फेंके जाने की घटनाओं पर निश्चित तौर पर अंकुश लगा पाना संभव नहीं हो पाएगा.