मकर संक्रांति पर कड़ाके की ठंड के बावजूद भी गरमाई सारण की राजनीति ; दही-चूड़ा भोज ने बढ़ाई राजनीतिक गलियारे में हलचल


 

CHHAPRA DESK –   मकर संक्रांति उत्सव पर कड़ाके की ठंड के बावजूद भी सारण की राजनीति गरमाई रही. अवसर भले ही दही-चूड़ा के भोज का था, लेकिन दही-चूड़ा खाने के बाद भी राजनीतिक गर्माहट बनी रही. वैश्य समाज भी कहां पीछे हटने वाला है. वैश्य समाज के द्वारा सारण जिला वैश्य महासभा के बैनर तले अध्यक्ष वीरेंद्र साह मुखिया के द्वारा शहर के एक विवाह भवन में दही-चूड़ा का भोज आयोजित किया गया. जिसमें विधायक, विधान पार्षद और नगर निगम मेयर सहित अन्य बुद्धिजीवी वर्ग के लोग उपस्थित रहे. लेकिन बैठक के दौरान वैश्य एकता को लेकर गरमागरम बहस होती रही.जिसमें वक्ताओं ने कहा कि यह वैश्य एकता का ही नतीजा है कि आज छपरा के विधायक, नगर निगम मेयर एवं डिप्टी मेयर तीनों पद वैश्य समाज के हिस्से में हैं.

इस दही-चूड़ा भोज से वैश्य समाज के द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव में एकजुटता बनाए रखने की अपील की गई. हालांकि आगामी विधानसभा चुनाव में राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो समय ही बताएगा. क्योंकि भाजपा और राजद दोनों पार्टियां छपरा विधानसभा सीट के लिए वैश्य उम्मीदवार के चयन में लगी हुई है. वैसे दिलचस्प बात यह भी होगा कि दोनों पार्टियां छपरा विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार किसे बनाती है और टिकट किसको मिल रहा है. वही छपरा नगर निगम में लक्ष्मी नारायण गुप्ता के द्वारा आयोजित दही-चूड़ा भोज शहर में चर्चा का विषय बना रहा. वहीं दही-चूड़ा भोज के मौके पर शहर के अनेक बुद्धिजीवी मौजूद रहे.

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