CHHAPRA DESK – संगम की पवित्र धरती पर 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व के साथ ही महाकुंभ का आगाज हुआ. इस बार का महाकुंभ दिव्यता और भव्यता के साथ ही स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित होगा. सारण जिला के उप विकास आयुक्त यतेन्द्र कुमार पाल ने गंगा को प्रदूषण मुक्त तथा महाकुंभ को ग्रीन, डिजिटल और प्लास्टिक फ्री करने के अभियान में भाग लेने कि अपील की. प्रयागराज महाकुंभ तथा सम्पूर्ण गंगा को स्वच्छ, सुरक्षित और प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प सारण जिला के उप विकास आयुक्त ने लिया है. इस संकल्प को सफल बनाने की दिशा में सारण जिला प्रशासन पूरी सक्रियता से आगे बढ़ रहा है.
महाकुंभ को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने के लिए सारण जिला के उप विकास आयुक्त श्री पाल के द्वारा शनिवार को नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा प्रोजेक्ट तथा हरित महाकुंभ का पोस्टर लॉन्च किया गया है. पोस्टर लॉन्च के दौरान राष्ट्रीय पर्यावरण शिक्षा अकादमिक नेटवर्क की प्रोजेक्ट ऑफिसर हनी कुमारी मौजूद रहीं. सारण जिला प्रशासन द्वारा महाकुंभ 2025 को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ कदम बढ़ाए जा रहे हैं. गंगा के सांस्कृतिक, धार्मिक तथा पर्यावरणीय महत्व के लिए सांस्कृतिक फाउंडेशन, नई दिल्ली तथा राष्ट्रीय पर्यावरण शिक्षा अकादमिक नेटवर्क की यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहल है.
सारण जिला प्रशासन ने ‘हरित कुंभ’ बनाने का संकल्प लिया है. गंगा तथा सहायक नदियों सहित पूरे कुंभ को स्वच्छ एवं कचरा मुक्त रखने के लिए देश भर में ‘एक थाली, एक थैला, अभियान चलाया जा रहा है जिसके अन्तर्गत सारण जिला प्रशासन ने कुंभ में सामिल होने वाले श्रद्धालु को प्लास्टिक के उपयोग से बचने तथा इसके विकल्प के रूप में प्राकृतिक उत्पाद का उपयोग करने कि अपील किया. साथ ही साथ उप विकास आयुक्त ने सारण जिले के अंतर्गत आने वाले सभी विद्यालयों तथा महाविद्यालयों को इस कार्यक्रम से संबंधित जागरूकता अभियान, सेमिनार, तथा वर्कशॉप का आयोजन करने का आदेश दिया ताकि महाकुंभ 2025 का आयोजन न केवल धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से ऐतिहासिक हो,
बल्कि वैश्विक स्तर पर स्वच्छता की दृष्टि से भी एक प्रेरक बन सके. साथ हीं जिला प्रशासन पॉलिथीन की बजाय महाकुंभ क्षेत्र में कपड़े और जूट के थैले, मिट्टी के कुल्हड़, दोना-पत्तल को बढ़ावा दे रही है. आम लोगों को प्लास्टिक की जगह जूट और कपड़े के बैग आदि महाकुंभ में इस्तेमाल करें इसके लिए भी जागरूक किया जा रहा है. लोग यह संकल्प ले रहे हैं कि ना हम प्लास्टिक लेंगे और ना ही किसी को देंगे ताकि हम अपनी गंगा एवं उनकी सहायक नदी, जलवायु और पर्यावरण को सुरक्षित कर सकें.