GOPALGANJ DESK – गोपालगंज के कुख्यात मुन्ना मिश्रा को आर्म्स एक्ट के मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया है. जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश- दशम मानवेन्द्र मिश्रा की कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. कोर्ट ने उसे एके-47 असॉल्ट राइफल के साथ गिरफ्तारी के मामले में दोषसिद्ध किया है. अब सजा सुनाया जाना बाकी है. 24 मई 2021 को मुन्ना मिश्रा उर्फ दिलीप मिश्रा को गोपालगंज में डीएसपी व पटना एसटीएफ ने पकड़ा था. एके-47 असॉल्ट राइफल व 28 कारतूस लेकर यूपी की तरफ से बिहार आ रहा था. जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश- दशम की कोर्ट के द्वारा सजा का एलान 13 फरवरी को किया जाएगा. गिरफ्तारी के बाद कटेया थाने की पुलिस ने मुन्ना मिश्रा पर आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया था.
इसमें धारा 25 वन-ए, 25 वन-एए व 26 टू आर्म्स एक्ट लगाया गया था. पुलिस उसे पहले से एक हत्याकांड के सिलसिले में ढूंढ़ रही थी. उसके यूपी की तरफ से गोपालगंज आने की खबर पर घेराबंदी कर पकड़ा गया था। पकड़े जाने के बाद मुन्ना मिश्रा ने कई खुलासे किए थे. मामले में कटेया के तत्कालीन थानाध्यक्ष सुमन कुमार मिश्रा ने स्वलिखित बयान दर्ज किया था. उनके मुताबिक मुन्ना मिश्रा के उत्तर प्रदेश के बघौच से आने की सूचना पर कार्रवाई की गई थी. कार्रवाई में हथुआ के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस व एसटीएफ, पटना की टीम शामिल थी. आवाज देने पर वह भागने लगा.
उसी क्रम में असलहे के साथ पुलिस टीम ने उसे धर दबोचा. सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक संभव मुन्ना मिश्रा जिस मामले में पकड़ा गया था और उस पर जो धाराएं लगाई गई थीं, उनमें उसे सात साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा संभव है. धारा 25 वन-ए में न्यूनतम सात साल तक की सजा का प्रावधान है. 25 वन-एए में उसे 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है. यह एफएसएल की रिपोर्ट पर संभव है। वहीं 26 टू आर्म्स एक्ट में उसे कम से कम पांच साल की सजा हो सकती है.