बिहार की 25 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों की डीपीआर (विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन) तैयार हो गई है। ग्रामीण कार्य विभाग अब तक 20 जिले की सड़कों की मंजूरी लोक वित्त समिति से ले चुका है। बाकी जिलों की सड़कों की भी मंजूरी जल्द ही ली जाएगी। इसके बाद राज्य की नीतीश कैबिनेट से इन सड़कों की मंजूरी ली जाएगी। फिर सभी सड़कों के निर्माण के लिए चरणवार तरीके से निविदा जारी हो जाएगी। अधिकतम एक साल के भीतर सड़कों का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।विभागीय अधिकारियों के अनुसार लगभग 25 हजार किलोमीटर ऐसी ग्रामीण सड़कें हैं जो मरम्मत अवधि से बाहर हो चुकी हैं। इन सड़कों की संख्या लगभग 13 हजार है। निर्माण करने के लिए ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम लागू किया गया है। इसी योजना के तहत पिछले दिनों डीपीआर तैयार करने के लिए एजेंसियों का चयन हुआ। डीपीआर के अनुसार इन सड़कों के निर्माण पर लगभग 25 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। दूसरी ओर, बिहार सरकार ग्रामीण सड़कों की निगरानी एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से करने वाला है। एआई से ग्रामीण सड़कों पर नजर रखी जाएगी। साथ ही इनकी मरम्मत और जर्जरता की स्थिति की भी जानकारी ली जाएगी। इससे राज्य सरकार को हर साल 800 करोड़ रुपये की बचत होगी। वैशाली जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस तकनीक का उपयोग किया गया। इसकी सफलता के बाद अब राज्यभर में लागू किए जाने की तैयारी की जा रही है।
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