Bihar Crime News : बिहार के पूर्वी चंपारण से एक सनसनी खेज मामला प्रकाश में आया है। जिले के रक्सौल में पुलिस ने एक बड़े फर्जी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह एक मार्केटिंग कंपनी में नौकरी के नाम पर युवक – युवतियों को फंसाता था। फिर उसे बंधक बना कर परिजनों से मुक्त करने के एवज में वसूली करता था। पुलिस ने ऐसे 400 से अधिक युवक – युवतियों को मुक्त कराया है, जिन्हे नौकरी के नाम पर बंधक बनाया गया था। ये युवक – युवतियां पड़ोसी देश नेपाल, उत्तर प्रदेश और बिहार के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं। पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल इलाके से पुलिस ने छापेमारी कर इन युवकों को मुक्त कराया। मुक्त कराए गए युवकों में कई नाबालिग भी हैं।
युवकों के परिजनों से कर रहे थे वसूली :
पुलिस अधीक्षक (एसपी) स्वर्ण प्रभात ने बताया कि कई दिन से पुलिस को यह सूचना मिल रही थी कि रक्सौल थाना क्षेत्र में नेपाल सहित उत्तर प्रदेश और बिहार के विभिन्न जिलों से लड़कों को नौकरी देने के नाम पर बुलाया जा रहा है और उसके बाद उन्हें बंधक बनाकर रखा जा रहा है। इसके बाद इन युवकों के परिजनों से फिर पैसे वसूल किए जा रहे हैं।
इन केंद्रों से 400 युवक-युवतियों को मुक्त कराकर कंपनी के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया। मुक्त कराए गए लोगों में 60 नाबालिग व पांच लड़कियां हैं। नाबालिगों को स्थानीय बाल गृह में रखा गया है। पुलिस टीम पीड़ितों का बयान ले रही है। इसके आधार पर पुलिस एफआईआर दर्ज करेगी।
छोटे-छोटे रूम में कई-कई पीड़ितों को बंधक बनाकर रखा गया था। पूछताछ में जानकारी मिली है कि इस कंपनी का सूबे के कई जिलों में इसी तरह का गोरखधंधा चल रहा है। इसमें गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली समेत कई जगहों पर कंपनी के खिलाफ मामले दर्ज हैं। डीबीआर नेटवर्किंग के ठिकानों पर डीएसपी धीरेन्द्र कुमार के नेतृत्व में एसएसबी 47 बटालियन के डिप्टी कमांडेंट दीपक कृष्ण, असिस्टेंट कमांडेंट नेहा सिंह, रजत मिश्रा व सचिन कुमार ने छापेमारी की।
बता दें कि डीबीआर में नौकरी के नाम पर बंधक बनाई गई, युवतियों के साथ यौन हिंसा का भी मामला सामने आ चुका है। रक्सौल थाने में कंपनी के खिलाफ झारखंड के दुमका इलाके की आदिवासी मूल की युवती ने 14 मई 2023 को एफआईआर दर्ज कराई थी। उसने रात में बेहोशी की दवा देकर नाजायज संबंध बनाने का भी आरोप लगाया था। इस केस में पुलिस की जांच अभी लंबित है।
इसी तरह का एक केस मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाने में सारण की पीड़िता ने दर्ज कराई थी, जिसमें रक्सौल सेंटर संचालक एनामुल हक को नामजद आरोपित बनाया गया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शनिवार को रक्सौल में हुई छापेमारी में मुक्त हुए पीड़ितों ने भी एनामुल का नाम लिया है।