राजस्थान पर एक लाख करोड़ का कर्ज बढ़ा,अगले साल तक हर राजस्थानी के माथे एक लाख का कर्ज

(हरिप्रसाद शर्मा) जयपुर:राजस्थान सरकार के बजट को देखते हुए लगता है कि पहले से ही कर्ज में डूबी सरकार आने वाले समय में कोई बहुत ज्यादा बदलाव नहीं कर पाएगी, उल्टे कर्ज और बढ़ने की संभावना है।

पिछले बजट में अनुमान लगाया गया था कि करीब 2 लाख 65 हजार करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्तियां होंगी परन्तु ये लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया और 2 लाख 62 हजार 618 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्तियां ही हुई हैं, जबकि केन्द्र सरकार से पहले से ज्यादा मदद मिली है।

वहीं दूसरी तरफ 2024-25 में राजस्व व्यय का लक्ष्य 3 लाख 34 हजार 796 करोड़ रु. का रखा गया परन्तु केवल 2 लाख 94 हजार 557 करोड़ रु. ही खर्च किए गए। 2024-25 में राजस्व घाटा 25,758 करोड़ रु का लक्ष्य रखा गया था, जो लगभग 32,000 करोड़ रु पहुंच गया है। राजकोषीय घाटा भी 70,000 करोड़ रु. के पार पहुंच गया है, जो वर्ष 2025-26 में बढ़कर 84 हजार 643 करोड़ हो जाएगा।

राजस्थान पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है और आने वाले दिनों में यह कर्ज सवा 7 लाख करोड़ रु के पार हो जाएगा यानी आने वाले दिनों में हर राजस्थानी पर लगभग 1 लाख रु का कर्ज प्रदेश सरकार लादने जा रही है।

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