जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में दिए कड़े निर्देश,अवैध कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई के आदेश बक्सर खबर। जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में शिक्षा विभाग से जुड़े विभिन्न मुद्दों की समीक्षा करते हुए अनुपस्थित शिक्षकों, विद्यालयों की अनियमितताओं और कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई को लेकर कड़े निर्देश दिए गए। बैठक में जानकारी दी गई कि लंबे समय से अनुपस्थित 18 शिक्षकों में से 07 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है, जबकि शेष शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई जारी है। शिक्षकों पर ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना से स्पष्टीकरण मांगते हुए उनका वेतन स्थगित करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने डीडीसी को निर्देश दिया कि जिले में लंबे समय से अनुपस्थित एवं फर्जी शिक्षकों की गहन समीक्षा कर जांच प्रतिवेदन समर्पित करें। सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे नियोजन समिति के साथ बैठक कर अनियमितताओं की समीक्षा करें। जिन विद्यालयों पर अब तक कठोर कार्रवाई नहीं की गई है, उन पर भी जल्द सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए।
जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि वे विद्यालयों का चयन कर जीर्णोद्धार कार्य एवं मॉडल स्कूल निर्माण के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें।जिले में अवैध रूप से संचालित कोचिंग संस्थानों की अनियमितता को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी को इनके नियमित अनुश्रवण एवं कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे विद्यालयों का निरीक्षण कर लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई करें और इसकी स्पष्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करें। बैठक में निर्देश दिया गया कि सभी विद्यालयों में बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना और कुशल युवा कार्यक्रम के लिए नोडल पदाधिकारी नामित किए जाएं। 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों की पहचान कर उन्हें इन योजनाओं का लाभ दिलाने की प्रक्रिया तेज की जाए। विद्यालयों में सफाई एजेंसियों के कामकाज की जांच कर भुगतान की प्रक्रिया सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी निरीक्षण के दौरान सफाई व्यवस्था की विशेष जांच करेंगे। बैठक में पाया गया कि टोला सेवकों के कार्यों की कोई निगरानी नहीं हो रही है। इस पर नाराजगी जताते हुए निर्देश दिया गया कि असंतोषजनक प्रदर्शन करने वाले टोला सेवकों को कार्यमुक्त किया जाए। जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि लगातार समीक्षा बैठकों के बावजूद अपेक्षित प्रगति नहीं दिख रही है, जो खेदजनक है। उन्होंने निर्देश दिया कि बैठक में दिए गए सभी आदेशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाए।