Bihar Udan Yojana: इन 7 नए एयरपोर्ट के लिए 190 करोड़ मंजूर

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार में हवाई संपर्क को मजबूत करने के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उड़ान योजना (Bihar Udan Yojana) के तहत राज्य में सात नए एयरपोर्ट की स्थापना और विकास के लिए बिहार सरकार के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है।

मंत्रालय की प्रोजेक्ट इवेलुएशन कमिटी (पीईसी) ने पहले चरण में छह छोटे एयरपोर्ट के लिए 25-25 करोड़ रुपये और पूर्णिया एयरपोर्ट के विकास के लिए 40 करोड़ रुपये जारी करने की सिफारिश की है। इस तरह कुल 190 करोड़ रुपये की मंजूरी के साथ बिहार के हवाई नेटवर्क में क्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत हो गई है।

पीईसी की बैठक में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में जिन छह शहरों के लिए 25-25 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई, वे हैं- मधुबनी, वीरपुर (सुपौल), सहरसा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर और वाल्मीकि नगर। ये सभी क्षेत्र बिहार के सुदूर और महत्वपूर्ण हिस्सों में स्थित हैं, जहां हवाई सुविधा की कमी लंबे समय से महसूस की जा रही थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस साल जनवरी-फरवरी में अपनी प्रगति यात्रा के दौरान इन शहरों में छोटे एयरपोर्ट की स्थापना के लिए अधिकारियों को ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए थे। उनकी यह पहल अब मूर्त रूप लेती दिख रही है।

पूर्णिया में एयरपोर्ट के विकास का कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के एक अधिकारी ने पीईसी की बैठक में बताया कि टर्मिनल भवन के निर्माण का ठेका 20 फरवरी 2025 को आवंटित कर दिया गया है। इसके लिए 40 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। जिससे पूर्णिया जल्द ही हवाई नक्शे पर अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराएगा। यह एयरपोर्ट पूर्वी बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सितंबर 2024 में पटना में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा था कि बिहार के किसी भी हिस्से से अधिकतम 200 किलोमीटर की दूरी पर हवाई अड्डा होना चाहिए। उनका मानना है कि इससे न केवल आम लोगों को हवाई यात्रा की सुविधा मिलेगी, बल्कि राज्य के किसानों और उद्यमियों के उत्पाद भी देश-विदेश के बाजारों तक आसानी से पहुंच सकेंगे। इस मंजूरी के साथ उनका यह विजन धरातल पर उतरता नजर आ रहा है।

राज्य सरकार ने भागलपुर में भी एक एयरपोर्ट के विकास का प्रस्ताव रखा था। पीईसी की बैठक में इस पर गहन चर्चा हुई। लेकिन प्रस्तावित स्थल की फिजिबिलिटी स्टडी रिपोर्ट के अभाव में इसे अगली बैठक के लिए टाल दिया गया। रिपोर्ट आने के बाद इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि उड़ान-5.2 योजना के तहत बिहार के विभिन्न छोटे एयरपोर्ट से 20 सीटों से कम क्षमता वाले छोटे विमानों की उड़ानों के संचालन के लिए एयरलाइंस ने निविदाएं जमा कर दी हैं। इससे ग्रामीण और छोटे शहरों के लोगों को भी हवाई यात्रा का लाभ मिल सकेगा।

इस मंजूरी से बिहार में न केवल हवाई संपर्क बढ़ेगा, बल्कि पर्यटन, व्यापार और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। खासकर सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह एक बड़ा तोहफा साबित होगा। उड़ान योजना के तहत यह कदम बिहार को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *