बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। जिला शिक्षा विभाग में कार्यरत लिपिकों के व्यवहार से शिक्षकों में भारी नाराजगी है। दिसंबर के बाद से वेतन न मिलने के कारण शिक्षक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। जिससे उनमें आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
टेट प्रारंभिक शिक्षक संघ के अनुसार पहले शिक्षकों का वेतन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से आच्छादित था, जिससे वेतन माह के पहले सप्ताह में ही प्राप्त हो जाता था। हालांकि विशिष्ट शिक्षक बनने के बाद वेतन निर्धारण की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है। जिससे वेतन मिलने में अनावश्यक देरी हो रही है।
शिक्षकों का आरोप है कि वेतन भुगतान से जुड़े लिपिक भूपेंद्र कुमार जानबूझकर शिक्षकों को परेशान कर रहे हैं। शिक्षकों के अनुसार जब वे वेतन भुगतान की जानकारी लेने जाते हैं तो लिपिक उन्हें टालते हुए कहते हैं, “विशिष्ट शिक्षक बन गए तो क्या हुआ, जब पेमेंट जाना होगा चला जाएगा।” शिक्षकों का कहना है कि इस लिपिक के कारण ही वेतन भुगतान में अनावश्यक देरी हो रही है।
वहीं मिडिल स्कूल अंदी के बीपीएससी शिक्षक बिपिन चौधरी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को आवेदन देकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) स्थापना के लिपिक भूपेंद्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने बताया कि जब उन्होंने वेतन से संबंधित जानकारी के लिए फोन किया तो पहले डीईओ से संपर्क करने को कहा गया। इसके बाद जब शिक्षक ने अपनी समस्या रखी तो लिपिक ने कथित रूप से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
शिक्षकों ने लिपिक भूपेंद्र कुमार पर कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल निलंबित करने की मांग की है। इस मामले को लेकर शिक्षकों में गहरा असंतोष है और वेतन भुगतान में हो रही देरी से उनकी परेशानियां लगातार बढ़ रही हैं। अब देखना यह होगा कि जिला शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।
- बिहार विकास मॉडलः सांसद ने लिया गोद, मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा कर रही उद्धार
- DM को पड़ा महंगा गलत CCA लगाना, JDU नेता के घर पहुंचाना पड़ा 5 हजार जुर्माना
- विश्व कप महिला कबड्डी टूर्नामेंट टला, पहले होगा खेलो इंडिया गेम्स
- पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया EOU के लिए बना सिरदर्द
- PDS डीलरों की हड़ताल से गड़बड़ाई व्यवस्था, उपभोक्ताओं में उभरी भूखमरी