सारण के लिए आफत बनकर आई आंधी-पानी ; जान-माल के साथ फसल की भी क्षति


CHHAPRA DESK –  सारण वासियों के लिए बे मौसम आंधी-पानी आफत बनकर आई. जान-माल की क्षति के साथ फसल की भी भारी क्षति हुई है. तेज आंधी-पानी के बीच पानापुर थाना क्षेत्र में दो मौतें हुई है. पहली घटना में पानापुर थाना क्षेत्र के मड़वा बसहिया गांव में तेज आंधी-पानी के बीच ठनका गिरने से एक महिला की मौत हो गई. मृत महिला सुरेंद्र साह की 46 वर्षीया पत्नी मीरा देवी बतायी जाती है. घटना के संबंध में बताया जाता है कि तेज बारिश के दौरान वह खेत मे कटे गेंहू के बोझे हटा रही थी. उसी दौरान वह ठनके की चपेट में आ गयी और मौके पर मौत हो गई.

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जबकि दूसरी घटना में स्थानीय थाना क्षेत्र के रामपुररुद्र गांव निवासी इंदल सहनी के 12 वर्षीय पुत्र प्रद्युम्न कुमार की ठनका गिरने से मौत हो गई है. बताया जाता है कि वह गंडक नदी के दियारा क्षेत्र में गया था जहां वह ठनके की चपेट में आ गया.परिजन उसे नदी पार लाते तबतक उसकी मौत हो चुकी थी. वहीं अन्य क्षेत्रों में मवेशी की भी मौत ठनका गिरने के कारण हुई है. मशरक थाना क्षेत्र के दुमदुमा गांव में तेज आंधी और बारिश के बीच ठनका गिरने से गाय की मौत हो जाने का मामला सामने आया है. मृत गाय दुमदुमा गांव निवासी ललन सिंह की बताई गई है.

बिन मौसम की बरसात ने फेरा किसानों की उम्मीदों पर पानी

सारण जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में गुरुवार को दोपहर बाद तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई. जिससे किसानों द्वारा खेत में काट कर रखे गए गेहूं की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. बिन मौसम हुए बारिश ने किसानों की आस पर पानी फेर दिया है. खेतों में काटकर रखी गेहूं की फसल एवं अन्य खड़ी फसले भी भीग गई. जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है. बिन मौसम बारिश होने से तरैया समेत आसपास गांवों में भी किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है. किसानों ने कड़ी मेहनत और इधर-उधर से कर्ज लेकर खड़ी की अपनी फसलों के खराब होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी है.

किसानों ने बताया कि यह साल फसलों के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं रहा. शाहनेवाजपुर के किसान रामेश्वर राय ने बताया कि कर्ज लेकर खेत बुवाई की थी, जो बारिश और तेज हवा के कारण फसलें खराब हो गई. तेज हवा के साथ बारिश के कारण तरैया क्षेत्र के कई गांवों में किसानों की खड़ी एवं काट कर रखी फसलों को नुकसान हुआ है. इसमें गेहूं और जौ की बाई फसल में करीब 40 प्रतिशत नुकसान का अनुमान है. कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि किसानों को चाहिए कि वे अपनी गिली हुई फसलों को सुखाने का प्रयास करें तथा खेतों में भरे पानी को बाहर निकाले, ताकि उनकी फसल बच सके. वही अपनी फसलों को नुकसान देख अब किसानों को सरकारी मुआवजे की आस है.


वहीं मशरक के गांवों में भी तेज हवा, मूसलधार बारिश के कारण गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है. वही सीएचसी के मुख्य गेट पर विशालकाय पेड़ तेज आंधी और बारिश के बीच गिर पड़ा जिससे मुख्य गेट से अस्पताल परिसर में पहुंचने में मरीजों और परिजनों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. हालांकि स्थानीय लोगों ने पेड़ काट सड़क से हटाया. इलाज के लिए पहुंचे मरीजों ने बताया कि बारिश की वजह से कोई बाहर नहीं था अन्यथा जान माल की क्षति हो सकती थी. हालांकि आम, लीची, जामुन और कटहल जैसी बागवानी फसलों एवं सब्जियों की फसलों को थोड़ी राहत मिली है. वहीं प्रखंड प्रमुख रवि प्रकाश सिंह मंटू ने प्रशासन से तत्काल सर्वे और क्षतिपूर्ति की मांग की है.

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