सेवांत लाभ एवं एमएसीपी लाभ से संबंधित सभी मामलों को लेकर सभी शिक्षकों का कंप्यूटरीकृत डेटाबेस तैयार करने का डीएम ने दिया निर्देश


CHHAPRA DESK –  सारण जिलाधिकारी अमन समीर ने आज जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय का निरीक्षण किया.उनके द्वारा एक-एक करके विभिन्न शाखाओं का भ्रमण किया गया। इस क्रम में पुराने अनुपयोगी अलमीरा एवं अन्य उपस्करों को हटाने का निर्देश दिया गया.सभी कर्मियों को अपना पहचान पत्र लगाकर कार्य करने का निर्देश दिया गया. सभी के वर्किंग डेस्क पर संबंधित कर्मी का नाम अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने को कहा गया. उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों का वेतन भुगतान माह की अंतिम तारीख को अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें.जिला स्कूल के परिसर में निर्माणाधीन जिला शिक्षा पदाधिकारी के नए कार्यालय भवन की चहारदिवारी कराकर इसके लिए अलग प्रवेश- निकास द्वारा बनाने को कहा गया ताकि जिला स्कूल का परिसर जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय परिसर से पूरी तरह अलग रहे.

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आगत पंजी में सभी पत्रों की प्रतिदिन एंट्री कर प्रतिदिन का क्लोजर रिपोर्ट दर्ज करने को कहा गया. कार्यालय में प्राप्त होने वाले आवेदनों को विषयवार वर्गीकृत कर संधारित रखने का निदेश दिया गया. प्रत्येक विषय से संबंधित आवेदनों के निष्पादन के लिये समय सीमा का निर्धारण कर इसका अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा गया.सभी शिक्षकों का कंप्यूटरीकृत डेटाबेस तैयार करने का निदेश दिया गया जिसमें उनके नियुक्ति/ योगदान की तिथि एवं अन्य आवश्यक डेटा की प्रविष्टि रहे.जिलाधिकारी ने कहा कि व्यवस्था ऐसी हो कि एमएसीपी के लिये जब भी शिक्षक पात्र हों, लाभ देने हेतु स्वतः प्रक्रिया आरंभ हो जानी चाहिए तथा निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत प्राथमिकता से संबंधित कर्मी को देय लाभ मिले,

इसे सुनिश्चित करें.जिन भी शिक्षकों का सेवांत लाभ या एमएसीपी से संबंधित कोई भी मामला लंबित हो, वे तुरंत जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में अपना आवेदन दें। जिलाधिकारी में इन मामलों को उच्च प्राथमिकता देते हुए निष्पादित करने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया है.प्रत्येक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के लिए एक-एक नोडल पदाधिकारी बनाने का निर्देश दिया गया. संबंधित नोडल पदाधिकारी संबद्ध कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का प्रत्येक माह अनिवार्य रूप से निरीक्षण करेंगे तथा वहां की व्यवस्था को बेहतर बनाने हेतु आवश्यक पहल सुनिश्चित करेंगे. जिन 9 प्रखंडों में एनजीओ के माध्यम से मध्याह्न भोजन संचालित है, प्रत्येक प्रखंड के लिये एक एक नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने को कहा गया जो प्रत्येक सप्ताह में मध्याह्न भोजन की जाँच सुनिश्चित करेंगे.

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