दीपक कुमार, गायघाट | में आशियाने की आग बुझी, अब पेट की आग कौन बुझाए…पहल | बरुआरी पंचायत के कई गरीब परिवारों पर शुक्रवार की रात कहर बनकर टूटी जब अचानक भीषण आग लग गई। आग की इस भयावह घटना में दो दर्जन से अधिक परिवारों के घर पूरी तरह जलकर राख हो गए। घरों में रखा सारा सामान — अनाज, कपड़े, बर्तन और जरूरी कागजात — कुछ भी नहीं बच सका। पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए।
स्थानीय लोगों ने आग बुझाने का किया प्रयास
आग लगने की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे और अपने स्तर से आग पर काबू पाने का प्रयास किया। लोगों ने तुरंत पुलिस को भी सूचना दी। पुलिस के सहयोग से फायर ब्रिगेड को बुलाया गया, जिसने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हालांकि तब तक अधिकांश घर और संपत्ति जलकर नष्ट हो चुकी थी। कई परिवारों के पास अब न रहने को घर बचा था, न पहनने को कपड़े।
मुखिया आरती देवी ने दिखाई संवेदनशीलता
घटना की खबर सुनते ही बरुआरी पंचायत की मुखिया आरती देवी मौके पर पहुंचीं। उन्होंने तुरंत पीड़ित परिवारों की मदद के लिए राहत कार्य शुरू किया। मुखिया आरती देवी ने प्रत्येक प्रभावित परिवार को कपड़े, बिस्तर, दैनिक उपयोग की वस्तुएं, राशन सामग्री आदि वितरित की। इसके अलावा उन्होंने प्रशासन से भी अनुरोध किया कि पीड़ितों को तत्काल सरकारी सहायता दी जाए।
मुखिया आरती देवी ने कहा,
“दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। मानवता की सेवा हमारा धर्म है। जो भी संभव सहायता होगी, हम करेंगे और प्रशासन से भी पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की मांग करेंगे।”
प्रखंड प्रमुख ने भी बढ़ाया मदद का हाथ
प्रखंड प्रमुख श्रवण कुमार सिंह ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधाया और कहा कि प्रशासन से विशेष राहत पैकेज दिलाने के लिए वे प्रयासरत रहेंगे। प्रमुख ने पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी अपील की कि वे पीड़ित परिवारों के पुनर्वास में अपना योगदान दें।
स्थानीय लोगों ने की पहल की सराहना
मुखिया और प्रखंड प्रमुख की सक्रियता की स्थानीय ग्रामीणों ने खुले दिल से सराहना की। ग्रामीणों का कहना था कि विपदा की इस घड़ी में जनप्रतिनिधियों ने तुरंत जो मदद दी, उससे पीड़ितों को काफी राहत मिली है। कई सामाजिक संगठनों ने भी पीड़ितों के लिए कपड़े, राशन और तिरपाल भेजने का वादा किया है।
सरकारी मदद की दरकार
पीड़ित परिवारों ने बताया कि आग से उनका सबकुछ नष्ट हो गया है। अब उनके पास न रहने के लिए घर है और न ही खाने-पीने का सामान। उन्होंने प्रशासन से शीघ्र राहत राशि और पुनर्वास की मांग की है। स्थानीय प्रशासन ने घटनास्थल का मुआयना किया और रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही सरकारी स्तर से भी सहायता मिलना शुरू हो जाएगी।
नवीन पहल की आवश्यकता
इस तरह की आपात स्थितियों में तत्काल राहत के लिए पंचायत स्तर पर आपदा राहत कोष बनाए जाने की मांग भी जोर पकड़ रही है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर पंचायत स्तर पर छोटा सा आपदा राहत भंडार हो, तो ऐसी घटनाओं में पीड़ितों को तुरंत मदद मिल सकती है।