भूमि सर्वे में स्वघोषणा
पटना।। जमीन की स्वघोषणा के साथ जमीन के सभी कागजात संलग्न करके देना जरूरी नहीं है. फिलहाल जमीन के जितने कागजात रैयत के पास उपलब्ध हैं, उतने ही संलग्न करें और और बाकी के कागजात का इंतजाम किस्तवार एवं खानापुरी के समय तक कर लें. इस प्रकार बिहार के जमीन मालिक बेहतर ढंग से भूमि सर्वे में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं. यह बात राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री संजय सरावगी ने गुरुवार को भूमि सर्वे की समीक्षा के दौरान कही.

संजय सरावगी पुराना सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में सर्वे निदेशालय के अधिकारियों के साथ भूमि सर्वे की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे. बैठक में विभाग के सचिव जय सिंह भी उपस्थित थे. बैठक में स्वघोषणा की तिथि बढ़ाने की संभावना पर भी चर्चा की गई. तिथि बढ़ाने के क्रम में आनेवाली तकनीकी और विधिक कठिनाइयों पर भी विचार किया गया.

राजस्व मंत्री को सर्वे निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि 31 मार्च तक कुल 11500916 स्वघोषणा प्राप्त हुई है. इसमें रैयतों द्वारा शिविरों में जमा किए गए ऑफलाइन एवं रैयतों द्वारा निदेशालय की वेबसाइट पर जमा किए गए ऑनलाइन, दोनों प्रकार की स्वघोषणा शामिल है. इसमें दूसरे चरण में शुरू किए गए 36 जिलों के सभी 445 अंचलों (सर्वे शिविरों) में रैयतों द्वारा जमा की गई स्वघोषणा की संख्या को भी जोड़ा गया है.
परफॉर्मेंस खराब तो नप जाएंगे
समीक्षा के क्रम में कुछ जिलों में स्वघोषणा की संख्या काफी कम देखकर सरावगी ने नाराजगी जाहिर की और उपस्थित अधिकारियों को सबसे खराब परफॉर्मेंस वाले जिलों/सर्वे शिविरों को चिन्हित करने का निदेश दिया. साथ ही चेतावनी दी कि खराब परफॉर्मेंस वाले शिविरों के कर्मियों ने 15 दिनों में अपना प्रदर्शन नहीं सुधारा तो उन्हें कार्य मुक्त करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.
पश्चिम चंपारण जिले के 5 अंचलों…. बेतिया, पिपरासी, मधुबनी, ठकराहा और भितहा में स्वघोषणा की संख्या सबसे कम पाई गई. इसी प्रकार पूर्वी चंपारण जिले के 5 अंचलों…. पिपराकोठी, तुरकौलिया, बनकटवा, छौड़ादानो और रक्सौल में स्वघोषणा की संख्या काफी कम रही. चंपारण के ये 10 अंचल पूरे बिहार में स्वघोषणा प्राप्त करने में सबसे पीछे रहे. बेतिया सदर में अबतक मात्र 187 स्वघोषणा ही प्राप्त हुई है जबकि पिपरासी अंचल में प्राप्त स्वघोषणा की संख्या मात्र 524 है.
दूसरी तरफ अररिया सदर अंचल में रैयतों से प्राप्त स्वघोषणा की संख्या 136777 पहुंच गई है. दूसरे नंबर पर आनेवाने दरभंगा के बिरौल शिविर में कुल 114067 स्वघोषणा प्राप्त हुई है. दरभंगा का बहेड़ी, कुशेश्वर स्थान, अररिया का जौकी हाट, फारबिसगंज एवं पलासी में भी बड़ी संख्या में रैयतों ने स्वघोषणा जमा किया है. इसी प्रकार समस्तीपुर के कल्याणपुर और औरंगाबाद के नबीनगर सर्वे शिविर की स्थिति भी स्वघोषणा प्राप्त करने के मामले में संतोषप्रद है.
श्री सरावगी ने उपस्थित अधिकारियों को कहा कि सर्वर की खराबी से संबंधित काफी शिकायतें मिल रही हैं. इसकी वजह से भी भूमि सर्वे में अपेक्षित प्रगति नहीं हो पा रही है. निदेशालय की आईटी टीम ने बताया कि सभी 9 प्रमंडलों का डाटा अलग करने में समय लगा है, अब तेजी से डाटा आ रहा है. आईटी टीम ने उन्हें स्वघोषणा ऑनलाइन जमा करने की प्रक्रिया को डेमो करके दिखाया.
pncb