बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिला प्रशासन ने वर्षों से लगान (भू-राजस्व) जमा नहीं करने वाले रैयतों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। प्रशासन ने ऐसे जमीन धारकों की एक विस्तृत सूची तैयार की है, जिन्हें गुमशुदा लगान की श्रेणी में रखा गया है। यहां 17 अंचलों में कुल 24885 रैयतों की पहचान की गई है, जिन्होंने अब तक अपना बकाया लगान जमा नहीं किया। इनमें सबसे अधिक संख्या सदर अंचल बिहारशरीफ की है, जहां 15000 से ज्यादा रैयत शामिल हैं। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि बकाया लगान की वसूली के लिए इन रैयतों की जमीन की नीलामी तक की कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि कुछ अंचल इस मामले में अपवाद रहे हैं। एकंगरसराय, करायपरसुराय और रहुई अंचल के रैयतों ने 100 प्रतिशत लगान जमा कर एक मिसाल कायम की है। जिला प्रशासन के अनुसार लगान जमा करना न केवल जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट रखने में मदद करता है। बल्कि जमीन से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने में भी कारगर साबित होता है।
लगान जमा करने की प्रक्रिया के दौरान रैयत का पूरा डिजिटल डेटा अपडेट किया जाता है। जिसमें जमाबंदी (भूमि अभिलेख) को आधार नंबर और मोबाइल नंबर से जोड़ा जाता है। इससे यदि कोई फर्जी दस्तावेज बनाने की कोशिश करता है तो रैयत के मोबाइल पर तुरंत अलर्ट भेजा जाएगा। जिससे जमीन की अवैध बिक्री या बंदोबस्ती जैसी घटनाओं पर अंकुश लगेगा।
राजस्व विभाग की हालिया राज्यस्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई। बैठक में निर्देश दिया गया कि 10 वर्ष या उससे अधिक समय से लगान जमा नहीं करने वाले बड़े रैयतों की सूची तैयार की जाए और उन्हें जमीन का रसीद कटाने के लिए नोटिस जारी की जाए। कई नोटिस के बावजूद बकाया राशि जमा नहीं करने वाले रैयतों की जमीन को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए प्रभावित रैयतों को अंतिम चेतावनी के रूप में नोटिस भेजे जाएंगे।
प्रशासन ने हल्का कर्मचारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में कैंप लगाने का आदेश दिया है। ताकि जिन रैयतों के पास जमीन से संबंधित वैध कागजात नहीं हैं, उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके। ऐसे रैयत रजिस्टर-2 या अन्य पंजी के आधार पर अपनी जमीन का रिकॉर्ड ठीक करवा सकते हैं। जिन रैयतों को अपनी जमीन का विवरण नहीं पता, वे अपने हल्का के राजस्व कर्मचारी से संपर्क कर सकते हैं। राजस्व अधिकारी रजिस्टर-2 भौतिक सत्यापन या स्थल निरीक्षण के जरिए वास्तविक मालिक की पहचान सुनिश्चित करेंगे।
जिला प्रशासन ने सभी रैयतों से अपील की है कि वे समय पर लगान जमा करें, ताकि उन्हें कानूनी परेशानियों का सामना न करना पड़े और उनकी जमीन का रिकॉर्ड पारदर्शी तरीके से अपडेट रहे। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई रैयत बकाया लगान जमा न करने का वैध कारण बताता है तो उसकी शिकायत पर विचार किया जाएगा। यह कार्रवाई न केवल राजस्व वसूली को बढ़ाने और अनुशासन बनाए रखने के लिए की जा रही है, बल्कि उन किसानों को न्याय दिलाने के लिए भी जरूरी है, जो नियमित रूप से लगान जमा करते हैं।
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